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यूपी: प्रयागराज में स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में अब तक जो भी संक्रमित भर्ती हुए मरीजों का आक्सीजन लेवल तेजी से गिर रहा 80 से नीचे।

यूपी: प्रयागराज में स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में अब तक जो भी संक्रमित भर्ती हुए मरीजों का आक्सीजन लेवल तेजी से गिर रहा 80 से नीचे।


प्रयागराज। कोरोना महामारी की तीसरी लहर दोहरी मुसीबत लेकर आ रही है। एक तो इसमें कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के फैलने की शक्ति डेल्टा से कई गुना अधिक है और दूसरा यह कि इस बार भी वायरस संक्रमितों के फेफड़े पर सीधा अटैक कर आक्सीजन सेचुरेशन को तेजी से कम कर रहा है। 

वहीं प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में अब तक जो भी संक्रमित भर्ती हुए हैं उनका आक्सीजन सेचुरेशन यानी आक्सीजन का लेवल 80 या इससे भी कम पाया गया है। डाक्टरों ने फौरन आक्सीजन सप्लाई देकर उनकी बढ़ती बीमारी पर नियंत्रण पाया। हालांकि तीसरी लहर में भी लक्षण पहले जैसे हैं।

वहीं कोरोना संक्रमण इस बार इतनी तेजी से फैल गया है कि लोग अवाक हैं। एक दिन में चार गुना से भी अधिक केस बढ़ने से जिले के लाखों लोगों पर बड़ी मुसीबत आने की आशंका जताई जाने लगी है। डाक्टरों का कहना है कि इस परिस्थिति में घबराना नहीं बल्कि डटकर मुकाबला करना है। लोग घर से बाहर तभी निकलें जब बहुत आवश्यक हो और कहीं जाएं भी तो मास्क लगाए रहें, हथेली को समय-समय पर सैनिटाइज करते रहें।

वहीं दूसरी तरफ़ पल्स आक्सीमीटर जिन्होंने भी कोरोना की दूसरी लहर में खरीद कर रख लिया था उन्हें अपने यहां किसी के संक्रमित हो जाने पर सजगता बरतनी होगी। संक्रमित का इससे आक्सीजन नाप कर यह देखते रहें कि आक्सीजन लेवल यदि 95 से घट कर 92 पर आने लगा हो तो चिंता करना शुरू कर दें। 

वहीं दिन में हर दो घंटे बाद पल्स आक्सीमीटर से उनका सेचुरेशन नापें और उसका रिकार्ड भी लिखते रहें। अगर आक्सीजन का लेवल 90 हो जाए तो समझें कि खतरा ज्यादा है। फौरन ही डाक्टर से संपर्क कर संक्रमित को अस्पताल ले जाएं। वहीं लक्षण पहले जैसे ही हैं। वहीं कर्कश आवाज, खांसी, जुकाम, गंध और स्वाद का चले जाना। संक्रमित लोगों को गले में खराश के साथ अपनी आवाज कुछ बदलती हुई महसूस होती दिख रही है। हालांकि छह से सात दिनों में लोग ठीक भी हो रहे हैं।

वहीं दूसरी तरफ़ स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन और कोरोना संक्रमितों के इलाज के एक्सपर्ट डा. सुजीत वर्मा कहते हैं कि वार्ड आठ में जो भी संक्रमित भर्ती हो रहे हैं उनका सेचुरेशन कम है यानी आक्सीजन का लेवल 80 या इससे कुछ कम है। बताया कि लक्षणों में ज्यादा बदलाव नही दिख रहा। मुसीबत इस बार दोहरी है इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।