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बिहार: मोतिहारी के बीएड कालेज का मामला सुनकर पटना हाई कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश भी हुए चौंक।

बिहार: मोतिहारी के बीएड कालेज का मामला सुनकर पटना हाई कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश भी हुए चौंक।


बिहार। शिक्षा माफिया किस हद तक सक्रिय हैं, इसका उदाहरण मोतिहारी में देखने को मिल रहा है। पूर्वी चंपारण के ढाका स्थित तेलहारा खुर्द गांव के एक मिडिल स्कूल भवन के अहाते में फर्जी बीएड संस्थान चलाने की रिपोर्ट पर पटना हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से 48 घंटे में कार्रवाई का ब्योरा पेश करने को कहा है। इस बीएड कालेज की कहानी बेहद अजीब है। आसपास के लोग भी इस कालेज के बारे में नहीं जानते, लेकिन इसे विश्‍वविद्यालय से मान्‍यता तक मिल गई।

वहीं मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने विद्या देवी की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुजफ्फरपुर स्थित बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से भी पूछा है कि ऐसे मामले में उक्त बीएड कालेज को मान्यता कैसे दे दी गई। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने एडवोकेट इति सुमन को अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करते हुए स्थल का निरीक्षण कर कोर्ट को वस्तुस्थिति से अवगत कराने के लिए कहा था। 

वहीं एडवोकेट इति सुमन ने बताया कि उक्त गांव में कोई ई. उपेंद्र शर्मा टीचर्स ट्रेनिंग कालेज का कोई भवन नही है। वहां के ग्रामीणों को भी ऐसी किसी संस्था होने के जानकारी नहीं है। ग्रामीण केवल इस बात को जानते हैं कि गांव में एक मिडिल स्कूल चलता है। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ऐसे कागजी संस्थान को बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कुलसचिव ने 8 अप्रैल 2021 को कार्यालय आदेश के तहत मांउट तक दे डाला है। 

वहीं इस फर्जी संस्थान खोलने के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। खंडपीठ ने सरकार से उक्त प्राथमिकी के संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट अगले 48 घंटे में देने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।