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बिहार: बगहा में वीटीआर में शावक की अचानक मौत के कारणों की जांच में जुटे वन अधिकारी।
बिहार। बगहा में वीटीआर में मादा शावक की मौत के कारणों की जांच में अधिकारी जुट गए हैं । हालांकि, अभी मौत के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल सका है। कयास लगाया जा रहा है कि शावक की मौत मेल टाइगर के हमले से हुई है। आसपास के एरिया में लगाए गए ट्रैप कैमरे में बाघ की तस्वीर कैद हुई है। अब वन विभाग के अफसर कैमरे के मेमोरी चिप से मिले तस्वीरों का एनालिसिस कर पता लगा रहे हैं।
वहीं वीटीआर के वन संरक्षक-सह-क्षेत्र निदेशक हेमकांत राय ने बाघ के शावक की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि शावक का शव बुधवार को गश्त के दौरान वनकर्मियों को मिला था। मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि मौत कैसे हुई है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि नर व मादा बाघ के मिलन में यह शावक बाधा बन रहा होगा।
वहीं क्षेत्र निदेशक ने बताया कि गश्त पर निकले वनकर्मियों की टीम ने कालेश्वर वनक्षेत्र के जंगल के अंदर मादा शावक का शव देखा। उन्होंने इसकी सूचना वाल्मीकिनगर वन कार्यालय समेत वरीय अधिकारियों को दी। सूचना पर वन प्रमंडल एक के सीएफ डीएफओ के नेतृत्व में वन अधिकारियों, पशु चिकित्सकों की टीम घटनास्थल पर पहुंची। सीएफ ने बताया कि घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
वहीं आठ माह का था शावक वीटीआर के वाल्मीकिनगर वनक्षेत्र के जंगल में मृत मादा शावक की उम्र लगभग आठ माह है। बीती शाम अंधेरा हो जाने के कारण उसका पोस्टमार्टम नहीं हो सका था। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के अधिकारी हेम कांत राय खुद एक टीम के साथ घटनास्थल की जांच कर रहे हैं। नियुक्त दल की देखरेख में शावक के शव का पोस्टमार्टम हुआ।
वहीं निर्धारित अंगों को उत्तर प्रदेश के बरेली, पटना एवं डब्ल्यूआई आई देहरादून भेजा जाएगा। जिससे उसकी मौत के कारणों का पता चल सके। शुरुआती जांच में उसकी मौत की वजह आपसी भिड़ंत होना लगता है। वन विभाग के लिए ये काफी दुखद घटना है। हालांकि उस क्षेत्र में ट्रैप कैमरा भी इंस्टाल है।
वहीं दूसरी तरफ़ बीते साल एक बाघिन का भी मिला था शव बीते साल पहली जनवरी को भी एक बाघिन का शव मिला था। जानकारी के मुताबिक, रघिया जंगल में ये शव बरामद हुआ था। उसके शव को 31 दिसंबर को पहली बार देखा गया। उसकी मौत की वजह भी वन्यजीवों की आपसी भिड़ंत बताई गई थी।