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चंदौली : सैयदराजा सीट का कौन होगा सरताज, जानें इस सीट के बारे में सबकुछ
चंदौली : जिले की यह सैयदराजा विधानसभा सीट बाहुबलियों की सियासी टक्कर की गवाह रही है. पूर्वांचल में आने वाली यह सैयदराजा विधानसभा सीट बिहार सीमा से सटी हुई. यहां से होकर गुजरने वाली कर्मनाशा नदी उत्तर प्रदेश और बिहार को विभाजित करती है. सैयदराजा सीट पर मौजूदा वक्त में भाजपा का कब्जा है, जहां पूर्वांचल के माफिया डॉन ब्रजेश सिंह के भतीजे सुशील कुमार सिंह विधायक हैं। इस सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. इस सीट पर कुल करीब 321148 मतदाता हैं. सैयादराजा सीट के नाम से यह 2012 में अस्तित्व में आई.
दरअसल, 2017 के विधानसभा चुनाव में सैयादराजा सीट पर भाजपा का कब्जा है. सैयदराजा विधानसभा सीट से भाजपा के सुशील सिंह ने बसपा के श्याम नारायण सिंह को करीब 14 हजार वोटों के अंतर से हराया था. भाजपा को जहां 78869 पड़े थे, वहीं बसपा को 64375 वोटों से संतोष करना पड़ा था. पहले सैयदराजा विधानसभा सीट का नाम चंदौली सदर हुआ करता था. यहां से कभी कांग्रेस के कद्दावर नेता कमलापति त्रिपाठी ने चुनाव जीता था जो बाद में यूपी के मुख्यमंत्री भी बने.
2017- भाजपा (सुशील सिंह )
2012- निर्दलीय (मनोज)
बीते विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत हुई थी. उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 325 सीटें मिली थी. वहीं कांग्रेस 7, सपा 47 और बसपा 19 सीटें जीतने में सफल हुई थी. इसके अलावा, रालोद के खाते में भी एक सीट गई थी और अन्य का 4 सीटों पर कब्जा रहा.