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हरियाणा: धार्मिक स्थल विवाद में फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर की बढ़ी मुश्किलें, वहीं एडीजीपी श्रीकांत जाधव करेंगे जांच।

हरियाणा: धार्मिक स्थल विवाद में फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर की बढ़ी मुश्किलें, वहीं एडीजीपी श्रीकांत जाधव करेंगे जांच।


हरियाणा। अंबाला के शहजादपुर ट्रैफिक थाने में धार्मिक स्थल को लेकर उठे विवाद के बाद फरीदाबाद कमिश्नर आफ पुलिस (सीपी) विकास अरोड़ा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। राज्य सरकार ने जांच का जिम्मा हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएनसीबी) के चीफ श्रीकांत जाधव को सौंप दिया है। डीजीपी पीके अग्रवाल ने अनुशासनिक कार्रवाई की सिफारिश की थी। फरीदाबाद सीपी ने अपना पक्ष भी डीजीपी के सामने रख दिया था। इसके बाद ही एडीजीपी जाधव को जांच का जिम्मा साैंपा गया।

वहीं हालांकि विकास अरोड़ा ने कहा, धार्मिक स्थल बनाने को लेकर उन्होंने कोई अनुमति नहीं दी। दूसरी ओर पुलिस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक ही राज्य की थाना चौकियां में 155 धार्मिक स्थल बने हुए हैं, लेकिन एक ही आइपीएस अधिकारी से जवाब तलब किया जा रहा है। 

वहीं नियमों की बात करें तो अनुमति के बिना धार्मिक स्थल बनाना पंजाब पुलिस नियमावली 3.3(2) तथा आल इंडिया सिविल सर्विसिज़ कंडक्ट रूल्स 1968 का उल्लंघन है। डीजीपी ने बिना अनुमति के बने धार्मिक स्थलों को नियमित करने को लेकर राज्य सरकार से पत्राचार भी किया है, लेकिन अभी तक अनुमति नहीं आई है।

वहीं दूसरी तरफ़ 7 जनवरी 2022 को सीपी अरोड़ा ने डीजीपी को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट कर दी थी। उनका कहना था कि सिरसा एसपी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2009 में धार्मिक स्थल बना है, जबकि 13 जून 2008 को उनका ट्रांसफर हो गया था। 8 दिसंबर 2006 को विकास अरोड़ा ने बतौर एसपी कमान संभाली थी। उनका कहना था कि धार्मिक स्थल को लेकर उनकी ओर से कोई परमिशन नहीं दी गई। इस पक्ष के बाद 24 जनवरी 2022 को डीजीपी ने एडीजीपी श्रीकांत जाधव को जांच करने की जिम्मेदारी दी।

वहीं दूसरी तरफ़ डीजीपी ने सभी एसपी से धार्मिक स्थलों को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। तीस दिसंबर 2021 को एडिशनल चीफ सेक्रेट्री को डीजीपी ने रिपोर्ट भेजी, जिसमें राज्य में पुलिस थाना चौकियों में बने धार्मिक स्थलों का विस्तार से ब्योरा दिया था। 1947 से लेकर अब तक कई जगहों पर धार्मिक स्थल बने, लेकिन जांच सिर्फ एक ही आइपीएस के खिलाफ बिठाई गई है।

वहीं हिसार रेंज, हिसार में 19 मंदिर, 2 गुरुद्वारा, 5 पीर बने हुए हैं। इसी प्रकार पुलिस कमिश्नर फरीदाबाद में 28 मंदिर, 1 पीर, दक्षिण रेंज, रेवाड़ी में 19 मंदिर, 5 पीर, रोहतक रेंज, रोहतक में 15 मंदिर, 8 पीर, कमिश्नर आफ पुलिस पंचकूला में 3 मंदिर, 1 पीर, कमिश्नर आफ पुलिस गुरुग्राम में 11 मंदिर, 2 पीर, करनाल रेंज करनाल में 10 मंदिर, 1 पीर, अंबाला रेंज अंबाला में 19 मंदिर, 8 पीर, 1 गुरुद्वारा, द इंस्पेक्टर जनरल, हरियाणा आर्म्ड पुलिस, मधुबन 1 मंदिर, सुपरिटेंडेंट आफ पुलिस, रेलवेज (एच) अंबाला कैंट में 2 मंदिर, सुपरिटेंडेंट आफ पुलिस, कमांडो (एच) नेवल, करनाल में 1 मंदिर शामिल हैं।

वहीं दूसरी ओर अंबाला आइजी रहे वाई पूर्ण कुमार ट्रैफिक थाना शहजादपुर में शिवलिंग स्थापना पर गए थे। उस समय डीजीपी रहे मनोज यादव ने बिना अनुमति के धार्मिक स्थल बनाने को लेकर जवाब तलब किया था। डीजीपी ने बिन सरकार की अनुमति के धार्मिक स्थल बनाना नियमों का उल्लंघन बताया था। इसके बाद राज्य के सभी एसपी से जवाब मांगा गया था कि वे अपने अपने क्षेत्र में बने धार्मिक स्थलों का ब्योरा दें। सभी एसपी ने ब्योरा दिया, लेकिन किस आइपीएस अधिकारी के कार्यकाल में धार्मिक स्थल बना, इसका उल्लेख नहीं था, लेकिन सिरसा एसपी ने अपनी रिपोर्ट में विकास अरोड़ा के नाम का जिक्र किया था।

बता दें कि वहीं फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा ने मिडिया को बताया कि सिरसा में एसपी होते समय धार्मिक बनाने को लेकर कोई अनुमति नहीं दी गई है। मंदिर बनने से पहले ही उनका तबादला हो गया था। एसपी सिरसा ने अपनी रिपोर्ट में भी सन 2009 का जिक्र किया हुआ है, जबकि उनका तो सन 2008 में ही तबादला हो गया था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एसपी की ओर से रिपोर्ट गलत चली गई है।