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हरियाणा: राजपुरा में सरकारी अस्पताल के क्वार्टर में हो रहा था भ्रूण लिंग जांच का धड़ल्ले से हो रहा था कारोबार।
हरियाणा। राजपुरा में टीम ने लिग जांच के मामले का पर्दाफाश कर अल्ट्रसाउंड मशीन व प्रयोग होने वाले सामान सहित आरोपितों को हजारों की नकदी सहित काबू किया है। हैरानी है कि ये धंधा सिविल अस्पताल के क्वार्टर में चल रहा था। हरियाणा की डिप्टी सिविल सर्जन डा. शीनू चौधरी ने बताया कि करनाल के सिविल सर्जन अफसर डाक्टर योगेश शर्मा को सूचना मिली थी कि राजपुरा में किसी जगह पर गैरकानूनी तौर पर लिग जांच हो रही है।
वहीं इसका पता लगाने के लिए योजना के तहत सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने तीन डाक्टरों की टीम का गठन किया। टीम सुबह करीब सात बजे एक फर्जी ग्राहक को साथ लेकर निकली। छापामारी से पूर्व सिविल सर्जन पटियाला को अपनी टीम तैयार रखने को कहा गया। सिविल सर्जन पटियाला ने तीन डाक्टरों की टीम बनाई। जैसे ही मुखबिर के कहने पर फर्जी ग्राहक सरकारी अस्पताल की बिल्डिग के किसी क्वार्टर में पहुंचा।
वहीं दूसरी तरफ़ क्वार्टर में पहुंचने के बाद उससे तय पैसे ले लिए गए। फर्जी ग्राहक उन्हें अंदर से जानकारी दे रहा था। उसकी सूचना के आधार पर सरकारी अस्पताल की खंडरनुमा इमारत में पहुंचकर क्वार्टर में छापामारी की गई। छापे के दौरान पोर्टेबल मशीन, जैली व अल्ट्रासाउंड में करने में काम आने वाले सामान के अलावा एक व्यक्ति से 24 हजार रुपये मिले। टीम ने ग्राहक को नंबर नोट करके 25 हजार रुपये दिए थे। टीम ने तीन लोगों को काबू किया है।
वहीं दूसरी तरफ़ छापामारी टीम का कहना है कि काबू किए गए आरोपितों में अंबाला निवासी सोनू बजाज पहले भी इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहा है जबकि दूसरा आरोपित सेहत विभाग का दर्जा चार कर्मचारी है। डा. शीनू चौधरी ने बताया कि पुलिस के पास केस दर्ज करवा दिया गया है।