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जम्मू कश्मीर: माता वैष्णो देवी भवन में लाशों के बीच गूंज रही थी चीत्कार, दहशत में हर शख्स।

जम्मू कश्मीर: माता वैष्णो देवी भवन में लाशों के बीच गूंज रही थी चीत्कार, दहशत में हर शख्स।


जम्मू कश्मीर। वैष्णो देवी गुफा में हुई भगदड़ व हादसे के 15 मिनट बाद रात में ही मुझे जानकारी मिल गई। परिवार समेत दोस्त परेशान हो उठे। दरबार से श्रद्धालुओं के शव व घायलों को कटरा अस्पताल लाया जाने लगा। मैं चार बजे कटरा अस्पताल पहुंचा। वहां लाशों के ढेर के बीच से उठ रही चीत्कार, श्रद्धालुओं के चेहरे पर नए साल की खुशी की जगह छायी उदासी तथा प्रशासन की बेचारगी को देख मैने बिना दर्शन घर लौटने की योजना भी बना ली। 

वहीं लेकिन हेलीकाप्टर पहले से ही बुक होने तथा मां की कृपा की वजह से 17वीं बार भी मां की कृपा से दर्शन हो गए। वैष्णो देवी दरबार में हादसे के बाद का आंखों देखा हाल सुनाया प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेता लखनप्रताप सिंह ने। वह परिवार व दोस्तों के साथ वैष्णो देवी दर्शन को गए है। शनिवार पूर्वाहन उन्होंने दर्शन किए।

वहीं दूसरी तरफ़ लखन प्रताप बताते है कि शनिवार तड़के चार बजे कटरा अस्पताल में करीब 15 लोगों के मरने की जानकारी दी जा रही थी। 35 श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे थे। प्रशासनिक अधिकारी शवों कपड़ों से आइडी प्रूफ खोजकर स्वजनों को सूचना दे रहे थे। जो साथी व स्वजन साथ थे, उनका मातम में डूबे थे। भीषण सर्दी के बीच उनके आंसू थम रहे थे। वहां मौजूद हजारों आंख नम थी।

वहीं लखन प्रताप बताते हैं उनका हेलीकाप्टर सात बजे उडना था। हादसे की वजह से यात्रा स्थगित होने की जानकारी मिली। अधिकारियों बात करने पर नौ बजे हेलीकाप्टर व 11 बजे पैदल यात्रा शुरू हो गई। लखन प्रताप बोले की 17 साल से लगातार मां वैष्णों के एक जनवरी को दर्शन करते है। इस दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु होते है। हादसे की वजह से संख्या सैकड़ों में थी। गुफा स्थल के पास सन्नाट पसरा था। श्रद्धालुओं के साथ पुजारियों व सुरक्षा कर्मियों के चेहरे पर भी उदासी थी।

बता दें कि वहीं तिलहर तहसील के हवासपुर गांव निवासी लखन प्रताप सिंह का कहना है कि मां भक्ति से दर्शन की शक्ति मिली। परिवार समेत राजू पंजाबी, ओमप्रकाश गुप्ता कटरा वाले आदि के परिवार के साथ शनिवार को ढाई किमी पैदल चलने के बाद गुफा में भगवती के दर्शन कर किए। अधिकारियों के आने पर शुरू हुई यात्रा लखनप्रताप बताते है कि हादसे के बाद यात्रा रोक दी गई। लेकिन उच्चाधिकारियों के आने पर जब यात्रा शुरू हुई, तो प्रसन्नता हुई। भगवती के नए साल पर दर्शन हो गए। बताया चार जनवरी को वापसी होगी। इस दौरान पटनी टाप बर्फवारी देखने जाएंगे।शाहजहांपुर