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झारखंड: दुमका मसलिया थाने की पुलिस ने गुमरो पहाड़ में खुद को बैंक प्रबंधक व कर्मी बताकर लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले तीन आरोपितों को किया गिरफ़्तार।

झारखंड: दुमका मसलिया थाने की पुलिस ने गुमरो पहाड़ में खुद को बैंक प्रबंधक व कर्मी बताकर लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले तीन आरोपितों को किया गिरफ़्तार।


झारखंड। दुमका मसलिया थाने की पुलिस ने बुधवार को गुमरो पहाड़ में खुद को बैंक प्रबंधक व कर्मी बताकर लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। चार अपराधी पुलिस की घेराबंदी के बाद भी बच निकले। पुलिस ने देवघर के रिखिया थाना क्षेत्र के आमगाछी गांव के राकेश मंडल, मोहनपुर के चकरमा निवासी पंकज मंडल और जामा के अमलाचातर निवासी साइबर अपराधी मानिक चंद्र मंडल को गुरुवार को जेल भेज दिया। तीनों के पास से एक लैपटाप, 10 मोबाइल व कई पासबुक बरामद की गई। 

वहीं डीएसपी ने बताया कि तीनों साइबर अपराधी को अच्छे वेतन के साथ कमीशन भी मिलता था। लैपटाप चलाने वाले राकेश मंडल को हर माह वेतन के रूप में 35 हजार, फोन करने वाले पंकज मंडल को 25 हजार और बाकी को 15 हजार रुपये मिलते थे। इतना ही नहीं ठगी करने के बाद इन्हें कमीशन अलग से दिया जाता था। ये तकनीकी रूप से दक्ष हैं। 

वहीं साइबर डीएसपी शिवेंद्र और डीएसपी मुख्यालय ने बताया कि बुधवार को जानकारी मिली कि कुछ लोग गुमरो पहाड़ में लैपटाप और मोबाइल लेकर बैठे और लोगों को फोन कर रहे हैं। सूचना के आधार पर पहाड़ी की घेराबंदी की गई। पुलिस को देखकर चार अपराधी तो भाग निकले, लेकिन तीन हाथ लग गए। तलाशी में लैपटाप, मोबाइल के अलावा कुछ एटीएम कार्ड और पासबुक मिली। 

वहीं इसी क्रम में झाड़ियों से एक ओपो का स्मार्ट फोन मिला। यह फोन गोटीडीह के मनोज मंडल का है। मनोज राकेश मंडल का जीजा लगता है। अब यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि तीनों ने अब तक कितने लोगों को ठगा है। कुल कितना पैसा उड़ाया है। साइबर अपराधी मोबाइल पर खुद को बैंक का प्रबंधक बनाकर लोगों को फोन करते थे कि उनका एटीएम बंद होने वाला है या फिर खराब हो गया है। इसलिए बैंक खाता के साथ एटीएम से संबंधित जानकारी दीजिए। जानकारी मिलते ही चंद सेकेंड में सामने वाले के खाते से पैसा निकल जाता था।

वहीं दूसरी तरफ़ दोनों डीएसपी ने बताया कि साइबर अपराधी ने अब ठगी का रास्ता बदल दिया है। अब लोगों को लिक भेजकर ऐसा प्रलोभन देते हैं कि सामने वाला झांसे में आ जाता है। इसलिए साइबर अपराध से बचना है तो किसी तरह का लिक डाउनलोड नहीं करें और किसी को भी खाते से संबंधित जानकारी साझा नहीं करें। अभी की हालात में जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है।