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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पीएम नरेन्द्र मोदी के सामने राज्यपाल की शिकायत पर ममता व धनखड़ हुए आमने सामने।
कोलकाता। बंगाल सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब ताजा विवाद एक दिन पहले कोलकाता में चितरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के दूसरे कैंपस के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राज्यपाल की गई शिकायत को लेकर बढ़ गया है।
वहीं और दोनों आमने-सामने आ गए हैं। इस वर्चुअल कार्यक्रम में ममता ने शुक्रवार को पीएम के सामने ही धनखड़ की शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि केंद्र के निर्देश पर विभिन्न विभागों में बाहर से वरिष्ठ सलाहकारों को नियुक्त करने के फैसले पर राज्यपाल सवाल उठा रहे हैं और और हमसे इसका हिसाब मांग रहे हैं।
वहीं ममता ने यह भी कहा था कि राज्यपाल को केंद्र की गाइडलाइन की ही जानकारी नहीं है, जिसमें आपने (मोदी ने) हमें बाहर से लोगों को नियुक्त करने का सुझाव दिया और हमने उसका पालन किया। लेकिन राज्यपाल ने मुझसे सवाल किया कि मैंने ऐसा फैसला क्यों किया। उन्होंने हमें फैसला लेने में अपनाई गई प्रक्रिया दिखाने के लिए कहा। उन्हें कोई इल्म नहीं है कि हमने प्रधानमंत्री की सलाह का पालन किया है।
वहीं ममता के इस आरोपों के बाद राज्यपाल ने पलटवार करते हुए दावा किया है कि कुछ भर्तियों पर स्पष्टीकरण मांगने के बारे में पीएम के सामने मुख्यमंत्री का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से ऐसी बयानबाजी व अनुचित व्यवहार की उम्मीद नहीं थी।
वहीं दूसरी तरफ़ राज्यपाल ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि मैंने नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर हुई धांधलियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्विटर पर राज्य सरकार को 28 दिसंबर को लिखे अपने पत्र की कापी भी साझा की। उन्होंने आगे लिखा- किसी भी अधिकारी की नियुक्ति पर्सनैलिटी टेस्ट के माध्यम से होनी चाहिए। हर उम्मीदवार का इंटरव्यू लिया जाए।
वहीं दूसरी तरफ़ शैक्षणिक योग्यता, क्षेत्र में विशेषज्ञता व अनुभव के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन होना चाहिए, न कि सिफारिश पर। राज्यपाल ने पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार ने अपनी विज्ञप्ति में 70 वर्ष से अधिक आयु केअभ्यर्थियों से भी आवेदन आमंत्रित किए हैं, पर इस उम्र में किसी के लिए काम करना काफी मुश्किल होता है।
बता दें कि राज्य सरकार ने हाल में विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के काम में तेजी लाने के लिए निजी क्षेत्र के सेवानिवृत्त अधिकारियों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की थी। राज्यपाल ने इसी पर सवाल उठाए थे।