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मध्य प्रदेश: भोपाल में अभिनेता आमिर खान ने दोस्त बनाते हुए निशानी के रूप में अंगूठी दी थीं।
मध्य प्रदेश। भोपाल चंदेरी से 10 किमी दूर गांव प्राणपुर। रविवार को सुबह के करीब 11 बज रहे हैं। गांव में सामान्य चहल-पहल है। अन्य लोगों की तरह 50 वर्षीय कमला बाई भी काम में व्यस्त हैं। इनके कच्चे घर के बाहर ही 9 साल का बेटा आशीष और 12 साल की बेटी करिश्मा खेल रही है।
वहीं यह दोनों बच्चे गांव के अन्य बच्चों की तरह अब स्कूल नहीं जा पाते। वजह पूछने पर आशीष और करिश्मा मुस्कराते हुए उम्मीद भरी नजरों से मां कमला बाई की ओर देखते हैं, मगर गरीबी की मजबूरी उनके चेहरे से साफ दिख रही है। यह वही कमला बाई हैं, जिनके घर करीब 12 साल पहले फिल्म अभिनेता आमिर खान और करीना कपूर ने रात बिताई थी।
वहीं दूसरी तरफ़ मालूम हो कि आमिर ने कमला के पति कमलेश कोली को अपना दोस्त बनाया था और निशानी के रूप में अंगूठी दी थी। आठ माह पहले कमलेश कोली की इलाज के अभाव में मौत हो चुकी है। इसके बाद से ही कमला का परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। उनके बच्चों की पढ़ाई भी छूट गई। जैसे-तैसे वह बीड़ी बनाकर तो कभी साड़ी बुनकर अपना और बच्चों का पेट भर पा रहीं हैं। इन परिस्थितियों में आज कमला बाई अपने पति के दोस्त आमिर खान की मदद की बाट जोह रहीं हैं, ताकि बच्चों को पढ़ा सकें।
वहीं एक दिन पहले ही फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर ने अपने इंस्टाग्राम पर यहां की यादें ताजा की हैं। उन्होंने एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें आमिर खान प्राणपुर गांव में कमलेश कोली के घर पर हाथ से बनी हुई साड़ी करीना के लिए खरीद रहे हैं। साड़ी के लिए आमिर ने 6 हजार की बजाय 25 हजार रुपए भी चुकाए थे। मालूम हो, कि वर्ष 2009 के दिसंंबर माह में आमिर और करीना अपनी फिल्म थ्री ईडियट्स का प्रमोशन करने के लिए वाराणसी के बाद चंदेरी पहुंचे थे।
वहीं यहां आमिर खान ने कमलेश कोली के घर रात बिताई और बुनकरों की परेशानियों के बारे में चर्चा की। साथ ही, आश्वासन दिया था कि वह मुंबई में बुनकरों के लिए एक शोरूम खोलेंगे, जिसमें सभी बुनकर आकर अपनी साड़ियां व अन्य कपड़े बेच सकें। आमिर ने यहां कमलेश कोली और गांव के हुकुम कोली को अपना दोस्त मानते हुए निशानी के रूप में एक-एक अंगूूठी दी और फिल्म के प्रीमियर को देखने के लिए आमंत्रित किया था।
वहीं जानकारी के अनुसार कमलेश के छोटे भाई दयाराम कोली बताते हैं कि हम पेशे से बुनकर हैं। बड़े भैया कमलेश को पहले से सांस की बीमारी थी। कोरोना की दूसरी लहर में उनकी तबियत अधिक बिगड़ गई। लाकडाउन के कारण हमारा काम भी ठप ही पड़ा था। आर्थिक तंगी की वजह से उन्हें कहीं बाहर इलाज के लिए नहीं ले जा पाए।
वहीं दूसरी तरफ़ भैया ने दो माह तक चारपाई पर रहने के बाद 31 मई 2021 को दम तोड़ दिया था। अपने पति को याद करते हुए कमला बाई की आंखें भर आती हैं। वे कहती हैं कि बड़ी बेटी रामवती की शादी हो चुकी है, अब तीन बच्चे हैं, जिनमें 21 साल की संतोषी सबसे बड़ी है, फिर 12 साल की करिश्मा और 9 वर्षीय बेटा आशीष है।
वहीं मालूम हो कि बेटी संतोषी मानसिक रूप से विक्षिप्त है। आमिर खान ने बेटी के इलाज का भरोसा दिया था, उस समय उम्मीद जागी थी कि संतोषी भी सामान्य बच्चों की तरह हो जाएगी, मगर किसी ने हमारी सुध नहीं ली। घर में पति के लगाए हैंडलूम पर साड़ी बुन लेती हूं, मगर कोरोना की वजह से साड़ी के आर्डर आने भी काफी कम हो गए। ऐसे में मजदूरी कर बीड़ी बनाती हूं, जिससे दो वक्त की रोटी का इंतजाम ही मुुश्किल से हो पा रहा है।
वहीं दूसरी तरफ़ कमलाबाई का कहना है कि उनके पति को आमिर खान ने दोस्त बनाया था, आज वह अपनी दोस्ती का फर्ज निभाते हुए उनके बच्चों की पढ़ाई का इंतजाम कर दें, तो वे यह एहसान कभी नहीं भूलेंगीं।