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मध्य प्रदेश: उर्दू व फारसी की जगह हिंदी के शब्दों का उपयोग करेगी मप्र पुलिस।
मध्य प्रदेश। पुलिस उर्दू और फारसी के प्रचलित शब्दों की जगह हिंदी के शब्दों का उपयोग करेगी। पुलिस की लिखा-पढ़ी में उर्दू, फारसी के इस्तेमाल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आपत्ति के बाद पुलिस मुख्यालय ऐसे प्रचलित शब्दों का शब्दकोष तैयार करा रहा है, जिसे भविष्य में हिंदी में लिखा जा सके।
वहीं इसके लिए अनुसंधान एवं विकास शाखा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार गुप्ता ने मुख्यालय की सभी शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारियों सहित पुलिस अधीक्षकों से सात दिन में सुझाव मांगे हैं ताकि शासन को इस संबंध में अवगत कराया जा सके। पिछले दिनों हुए कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस में प्रस्तुतीकरण के दौरान सामने आए शब्द दस्तयाब पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि इसका क्या मतलब हुआ, बहुत से लोग नहीं जान पाएंगे। इसकी जगह हिंदी के सरल शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए।
वहीं पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में ऐसे शब्दों को बदला जा चुका है, लेकिन मध्य प्रदेश में इसकी पहल नहीं हुई। मुख्यमंत्री की आपत्ति के बाद पुलिस मुख्यालय की अनुसंधान व विकास शाखा ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों से सुझाव मांगे हैं। इसके आधार पर हिंदी का शब्दकोष तैयार होगा।
वहीं जिसे सभी इकाइयों को भेजा जाएगा, ताकि इनका उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अभी पुलिस कार्रवाई के दौरान उर्दू और फारसी के कई शब्दों का उपयोग होता है। इनमें दस्तयाब, मशरूका, हिकमत अमली, मौका मुआयना, निशानदेही, हवाले साना, तहरीर, इस्तगासा, तफ्तीश जैसे शब्द प्रयोग किए जाते हैं। जिनके हिंदी शब्द का प्रयोग किया जाना है।
बता दें कि मध्य प्रदेश के पुलिस मुख्यालय में तैनात आरक्षक राकेश राणा को गत दिनों मूंछों को लेकर निलंबित कर दिया गया। राकेश ने भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान से प्रभावित होकर ही मूंछें रख ली थीं। जब आरक्षक का वीडियो वायरल हुआ तो निलंबन आदेश चर्चा में आया। बताया जाता है कि तीखी प्रतिक्रिया के बाद निलंबन वापस ले लिया गया है, मगर आरक्षक के मुताबिक-उसे निलंबन वापसी को कोई लिखित आदेश नहीं मिला है।