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नई दिल्ली: मोबाइल फोन पर सबसे अधिक समय बिताने लगे हैं भारतीय, वर्क फ्रॉम से बढ़ी मोबाइल डाटा की खपत।

नई दिल्ली: मोबाइल फोन पर सबसे अधिक समय बिताने लगे हैं भारतीय, वर्क फ्रॉम से बढ़ी मोबाइल डाटा की खपत।


नई दिल्ली। स्‍मार्टफोन पर सबसे अधिक समय भारतीय बिताते हैं। यह समय सिर्फ कॉल या मैसेज तक ही सीमित नहीं है। स्ट्रीमिंग और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों पर भारतीयों के समय व्यतीत करना लगातार बढ़ा है। वहीं वर्क फ्रॉम होम ने मोबाइल डाटा और इस्तेमाल को बढ़ाया है और आने वाले समय में यह ट्रेंड जारी रहेगा। यह बातें इरिक्सन की मोबिलिटी रिपोर्ट में सामने आई है।

वहीं इरिक्सन की मोबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में भारत में औसतन 12 जीबी डाटा प्रति व्यक्ति इस्तेमाल करता था, जो 2020 और 2021 में लगातार बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार 2019 में जहां भारत में औसतन एक माह में12 जीबी डाटा प्रति व्यक्ति प्रयोग करता है। वहीं 2020 में यह आंकड़ा 13.3 जीबी डाटा प्रति व्यक्ति हो गया। 2021 में यह आंकड़ा 18.4 जीबी डाटा प्रति व्यक्ति हो गया। उत्तरी अमेरिका में जहां 2019 में प्रति व्यक्ति एक माह में 8.3 जीबी डाटा की खपत करता था जो 2020 में बढ़कर 11.8 हो गई।  
वहीं 2021 में यह 14.6 जीबी का आंकड़ा पार कर गया। पश्चिमी यूरोप में जहां 2019 में जहां 7.5 जीबी डाटा प्रति व्यक्ति एक माह खपत थी जो 2020 में 11जीबी से अधिक हो गया। 2021 में यह 15.2 जीबी हो गया। मध्य और पूर्वी यूरोप में 2019 में जहां प्रति व्यक्ति एक माह में डाटा की खपत 5.1 थी जो 2020 में 7.3 हो गई। 2021 में 9.9 जीबी की खपत होने लगी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय यूरोप और उत्तरी अमेरिका की तुलना में स्मॉर्ट फोन में अधिक समय बिताते हैं।

बता दें कि 2020 में प्रति व्यक्ति स्मॉर्टफोन का औसतन ट्रैफिक 16.1 जीबी (प्रति माह) था जो 2021 में बढ़कर 18.4 जीबी हो गया। इसकी एक बड़ी वजह वर्क फ्रॉम होम का बढ़ना है। इरिक्सन के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट और हेड ऑफ नेटवर्क फ्रेडिक जेडलिंग कहते हैं कि भारत में 5जी के 2027 तक 500 मिलियन सब्सक्रिप्शन होंगे। 2021 में जहां भारत में 810 मिलियन मोबाइल फोन थे जो 2027 तक बढ़कर 1.2 बिलियन हो जाएंगे। 2027 तक 4जी तकनीक का दबदबा रहेगा।

वहीं दुनिया में सबसे सस्ती मोबाइल दर भारत में है। वर्ल्ड मोबाइल डाटा प्राइसिंग की रिपोर्ट मुताबिक भारत में 1जीबी मोबाइल डाटा पैकेज काफी सस्ता है। इसके बाद इजराइल, किर्गिस्तान, इटली और यूक्रेन का नंबर आता है। वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की आबादी सबसे युवा है। यहां के युवा टेक्नोलॉजी से समृद्ध है। भारत का सुपरफोन मार्केट काफी वाइब्रेंट है। इसमें नई तकनीक को समाहित करने की क्षमता है। बाजार में प्रतिस्पर्द्धा है। 

वहीं दूसरी तरफ़ इन सबके बावजूद डाटा भी बेहद सस्ता है। भारत में 1 जीबी डाटा की औसत कीमत 0.09 डॉलर है। इजराइल में 1 जीबी डाटा की औसत कीमत 0.11 डॉलर, किर्गिस्तान में 0.21 डॉलर, इटली और यूक्रेन में क्रमश: 0.43 डॉलर और 0.46 डॉलर है। इन देशों में फाइबर ब्रांड इंफ्रास्ट्रक्चर (इटली, भारत, यूक्रेन और इजराइल) काफी बेहतर है। सबसे महंगी मोबाइल दर सेंट हेलेना में है। यहां भारत से 583 गुना मोबाइल डाटा महंगा है।

वहीं कंज्यूमर आने वाले साल में मोबाइल इंटरनेट डिवाइस में 930 घंटे बताएगा। जेनिथ मीडिया कंज्मपशन फॉरकॉस्ट की रिपोर्ट के अनुसार साल के कुल 39 दिन मोबाइल इंटरनेट डिवाइस पर बिताएगा। यह सर्वे कुल 57 देशों में किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में इन देशों में 4.5 ट्रिलियन घंटे मोबाइल इंटरनेट डिवाइस पर बिता रहे हैं।

वहीं दूसरी तरफ़ 2015 में औसतन जहां दुनिया भर में लोग मोबाइल इंटरनेट पर एक दिन में 80 मिनट बिताते थे जो अब बढ़कर 130 मिनट हो गया। स्मॉर्टफोन की उपलब्धता, तेज कनेक्शन, बेहतर स्क्रीन और एप इनोवेशन ने मोबाइल इंटरनेट का इस्तेमाल करने की संख्या में इजाफा किया। रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष 27% से 2021 में मोबाइल इंटरनेट का उपयोग 31% वैश्विक मीडिया खपत के लिए होगा। 

वहीं इसके अलावा लोगों का अखबारों को पढ़ने का समय भी कम हुआ है। 2014 से 2019 के दौरान यह 17 मिनट से घटकर 11 मिनट हो गया। वहीं मैगजीन पढ़ने का समय 8 मिनट से 4 मिनट हो गया। जेनिथ के हेड ऑफ फॉरकॉस्टिंग जोनाथन बर्नार्ड कहते हैं कि लोगों का मोबाइल टेक्नोलॉजी पर मीडिया के साथ समय व्यतीत करना बढ़ा है। अपने करीबियों के साथ चुटकले साझा करना, मैसेज शेयर करना आदि ने लोगों का समय मोबाइल इंटरनेट डिवाइस पर बढ़ाया है।