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नई दिल्ली: सामूहिक दुष्कर्म और कालिख पोतने के मामले की जांच एसआइटी को सौंपी।

नई दिल्ली: सामूहिक दुष्कर्म और कालिख पोतने के मामले की जांच एसआइटी को सौंपी।


नई दिल्ली। विवेक विहार के कस्तूरबा नगर इलाके में गणतंत्र दिवस पर सामूहिक दुष्कर्म के बाद महिला के मुंह पर कालिख पोतने के मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया है। शाहदरा के एसीपी राजेश मीणा के नेतृत्व में यह दस सदस्यीय विशेष जांच समिति बनाई गई है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में पीड़िता की बहन ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए थे।

वहीं जिसके बाद तत्परता दिखाते हुए शाहदरा के डीसीपी आर सत्यसुंदरम ने जांच के लिए इस टीम का गठन किया है। पुलिस ने इस मामले में एक और नाबालिग को पकड़ा है। इस तरह से मामले में अब तक तीन नाबालिग और आठ महिलाओं सहित 12 आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं। पुलिस के मुताबिक पीड़िता के अपहरण में प्रयुक्त आटो शाहदरा से बरामद कर लिया गया है।

वहीं दूसरी तरफ़ पुलिस के मुताबिक आरोपित राकेश आटो को चला रहा था, जोकि आरोपितों का रिश्तेदार है। इससे पहले बंधक बनाकर पीड़िता को पीटने में इस्तेमाल राड और डंडा भी पुलिस ने बरामद किया था। जिस मोबाइल में वारदात का वीडियो बनाया गया, वह भी पुलिस के पास पहुंच चुका है। मामले में वीडियो फुटेज के आधार पर उन लोगों की पहचान भी की जा रही है। 

वहीं जिन्होंने भीड़ में पीड़िता को चप्पल और हाथ से पीटा था। पुलिस के मुताबिक इस मामले में दर्ज एफआइआर में तीन नाबालिग और आठ महिलाएं आरोपित थीं। इन सभी को पकड़ा जा चुका है। इसके अलावा आटो चालक राकेश भी पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। इन सभी के खिलाफ त मुकदमा दर्ज है।

वहीं शर्मसार कर देने वाली इस वारदात में शामिल तीन नाबालिग पुलिस ने अब तक पकड़े हैं। इसमें एक के बालिग होने की आशंका है। इसकी जांच हो रही है। महिला से दरिंदगी का मामला कस्तूरबा नगर इलाके में महिला से दरिंदगी के मामले में आरोपितों की हैवानियत आशंकाओं से भी ज्यादा थी। पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि आरोपित उनके निजी अंग काटना चाहते थे, ताकि वह महिला की तरह न दिखे। पीड़िता ने ऐसा न करने की गुहार लगाई तो आरोपितों ने बेरहमी से उनकी पिटाई कर गुस्सा निकाला। यही नहीं उन्होंने महिला के निजी अंगों पर पैरों से प्रहार भी किया।

वहीं दूसरी तरफ़ पीड़िता ने अपने बयान में आरोप लगाया है कि आरोपित कालो, वर्षा और रज्जो आदि ने उनके निजी अंगों को चोट पहुंचाने समेत उनकी मर्यादा के हनन का हर वो प्रयास किया, जो वह कर सकते थे। जानकारी के अनुसार गणतंत्र दिवस पर वारदात के बाद पहली सूचना पीड़िता के पति ने पुलिस को काल करके दी थी। उन्होंने पुलिस को फोन कर बताया था कि एक आटो में कुछ लोग उनकी पत्नी का अपहरण करके ले गए हैं, जिन्हें वह जानते हैं। अपहरणकर्ता उनकी पत्नी की पिटाई कर रहे थे। इसका जिक्र एफआइआर में भी है।

वहीं पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उनकी ससुराल पुराने सीलमपुर इलाके में है। पिछले महीने आरोपितों ने उनकी ससुराल में पहुंचकर हंगामा किया था और जान से मारने की धमकी दी थी। इस कारण वह छिपकर पति और बच्चे के साथ कड़कड़डूमा क्षेत्र में रह रही थी।

वहीं दूसरी तरफ़ विवेक विहार के कस्तूरबा नगर में हुई दरिंदगी के मामले की पीड़िता का तीन साल का मासूम बेटा चार दिनों से मां के लिए छटपटा रहा है। वह बार-बार अपनी मां के बारे में पूछता है और मौसी बहाने बनाकर उसे बरगला लेती है। कभी वह उससे कहती हैं कि उसकी मां डाक्टर के पास गई है, कभी कोई दूसरा बहाना बनाती हैं। जब वह ज्यादा रोने लगता है तो वो बाहर बैठे पुलिसवालों का डर दिखाकर उसे चुप कराती हैं। वह कहती हैं कि बच्चे की पीड़ा उनसे देखी नहीं जा रही है।

बता दें कि वहीं बच्चे की मौसी का कहना है कि उनका भांजा कभी भी अपनी मां से इतने दिन दूर नहीं रहा। हैवानों की वजह से एक मासूम इतने दिनों से अपनी मां के प्यार के लिए तरस रहा है। वह कहती हैं कि घर की चारदीवारी में बंद भांजा ज्यादा परेशान हो रहा है। माहौल ऐसा है कि वह उसे बाहर घुमाने तक नहीं ले जा सकतीं। रिश्तेदार आते हैं तो उसके लिए टाफी-चाकलेट ले आते हैं। इसी तरह बहलाकर से उसको रखा जा रहा है। उनकी बहन भी अपने बेटे को याद करती है। शुक्रवार रात को शेल्टर होम से फोन कर उन्होंने बेटे का हालचाल लिया था। इस दौरान उनकी आवाज रुंधी हुई थी और भावुक हो उन्होंने एक ही मिनट बाद फोन रख दिया था।

वहीं वारदात के बाद से पीड़िता की शारीरिक और मानसिक हालत स्थिर नहीं है। उनका इलाज चल रहा है। चर्चा यह है कि उन्हें किसी निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, लेकिन पीड़िता की बहन और चाचा ने इस बात से इन्कार किया। उन्होंने बताया कि पीड़िता को शेल्टर होम में ही उपचार दिया जा रहा है।