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राजस्थान: जोधपुर में आर्मी डे पर जैसलमेर में फहराया दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज।
जोधपुर। देश की पश्चिमी सरहद से सटे रेतीले धोरों की धरती और स्वर्ण नगरी के नाम से जाने वाले जैसलमेर के लिए शनिवार का आर्मी डे यादगार बन गया। सेना ने यहां दुनिया का सबसे बड़ा तिरंगा ध्वज फहराया। जम्मू-कश्मीर व लेह के बाद जैसलमेर में तीसरा सबसे बड़ा ध्वज फहराया गया। दरअसल, खादी से बना ये तिरंगा दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज है।
वहीं 74वें सेना दिवस के मौके पर राजस्थान के जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर खादी से बना विशालकाय राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित किया गया है। यह खादी से बना दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज है। झंडा 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बैटल एक्स डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल योगेंद्र सिंह ने बटन दबाकर विश्व प्रसिद तिरंगे को फहराया।
वहीं दूसरी ओर इस मौके पर भारतीय सेना और अन्य सेनाओं के अधिकारियों के साथ जैसलमेर महारावल चेतन्यराज सिंह व राजपरिवार सदस्य भी कार्यक्रम में उपस्थित हुए। भारत-पाकिस्तान सीमा समीप यह विशालकाय तिरंगा प्रदर्शित किया गया है। मिलिट्री स्टेशन में वार म्यूजियम के पास की पहाड़ी पर डिस्प्ले किए गए इस तिरंगे की छटा दूर कई किलोमीटर से ही नजर आ रही है।
वहीं यह तिरंगा 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा है और इसका वजन 1400 किलोग्राम है। इस झंडे को तैयार करने में खादी के 70 कारीगरों को 49 दिनों का समय लगा। स्मारक राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण से खादी कारीगरों और श्रमिकों के लिए 3500 घंटे का अतिरिक्त काम मिला है। झंडे को बनाने में 4500 मीटर हाथ से काते और हाथ से बुने हुए खादी के सूती ध्वजपट का इस्तेमाल किया गया है, जो 33, 750 वर्ग फुट के कुल क्षेत्रफल को कवर करता है। ध्वज में अशोक चक्र का व्यास 30 फीट है।
बता दें कि वहीं 74वें सेना दिवस के मौके पर जैसलमेर में आयोजित हुए कार्यक्रम में प्रदर्शनी भी आयोजित हुई। इसमें दुश्मन के दांत खट्टे करने वाले टैंकों को दिखाया गया। इसके अलावा अन्य सैन्य साजो सामान को भी प्रदर्शित किया गया। वहीं, सेना के जवानों द्वारा जीवंत मार्च पास्ट से माहौल रोमांचित हो उठा। वहीं, स्कूली विद्यार्थियों द्वारा देशभक्ति गीतों की प्रस्तुतियां देकर माहौल को देशभक्ति मय बना दिया।