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यूपी: महोबा में चार साल बाद पति को सामने लाया पत्नी का तप, बेटियों काे फिर मिला पिता का प्यार।
महोबा। पाकिस्तान की जेल से करीब चार साल बाद रिहा हुए कबरई थानाक्षेत्र के लिलवाही गांव निवासी सुनील कुमार कुशवाहा की पत्नी और बेटियों ने पिछले साल अगस्त में पत्र देकर केंद्र सरकार से गुहार लगाई थी। बाद में 19 नवंबर को महोबा दौरे पर आए प्रधानमंत्री को भी विधायक के जरिए पत्र दिया था। ये रेखा का तप और बेटियों का प्यार ही है कि सुनील को रिहाई मिल गई। हालांकि अभी घर वाले उसके यहां आने का इंतजार कर रहे हैं।
वहीं लिलवाही गांव निवासी सुनील अक्टूबर 2017 को उस समय पाकिस्तानी नौसेना की गिरफ्त में आ गए थे, जब वह गुजरात के पोरबंदर के पास बोट से मछली पकड़ रहे थे। पिता की रिहाई कराने के लिए बेटियों ने बीते साल अगस्त में केंद्र सरकार को पत्र भेजा था। सुनील की पत्नी रेखा ने बताया कि 2018 में महोबा के तत्कालीन जिलाधिकारी से भी मदद की गुहार लगाई थी। बीते साल अगस्त में जैसे ही बांदा के रामबहादुर की सकुशल वापसी की खबर मिली तो रेखा और बेटियों को आशा की किरण जागी।
वहीं प्रेस की मदद से पीड़ित परिवार ने केंद्र सरकार को एक पत्र डीएम के माध्यम से भेजा था। ठीक एक माह बाद महोबा दौरे पर आए प्रधानमंत्री तक पीडि़त परिवार ने सदर विधायक राकेश गोस्वामी के माध्यम से अपनी बात पहुंचाई और सुनील की पाकिस्तान से रिहाई की गुहार लगाई थी। रेखा कहती हैं कि ईश्वर और सरकार पर पूरा विश्वास था कि उनके पति जरूर वापस आएंगे। आज उनका बिखरा संसार फिर संवर गया है।
वहीं सुनील बांदा जिले के तिंदवारी थानाक्षेत्र के महेदू गांव निवासी छोटे भाई बाबू व ङ्क्षसघौली गांव निवासी भतीजे राजू के साथ गुजरात गए थे। करीब एक माह बाद फोन से रेखा को पता चला कि सुनील और भाई-भतीजे जिस नाव से मछली पकडऩे गए थे, वह पाकिस्तान ने पकड़ ली है। छह माह बाद सुनील का पत्र मिला जो पाकिस्तान के कराची जेल से भेजा गया था। इसके बाद रिहाई के प्रयास शुरू हुए।