Headlines
Loading...
यूपी: पीलीभीत के बाद सबसे अधिक वाराणसी के किशोरों ने लगवाया कोविड वैक्‍सीन, सीएमओ ने दी जानकारी।

यूपी: पीलीभीत के बाद सबसे अधिक वाराणसी के किशोरों ने लगवाया कोविड वैक्‍सीन, सीएमओ ने दी जानकारी।

                                  𝕊.𝕂. 𝔾𝕦𝕡𝕥𝕒 ℝ𝕖𝕡𝕠𝕣𝕥𝕖𝕣 

वाराणसी। वैश्विक महामारी कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच टीकाकरण अभियान भी तेज हो गया है। प्रदेश में मात्र 15 दिन में औसतन 41.95 प्रतिशत युवाओं ने कोविड टीका लगवा लिया है। वहीं कई जिलों यह ग्राफ 70 प्रतिशत के करीब भी पहुंच गया है। प्रदेश में 15 वर्ष से 17 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए तीन जनवरी से कोविड टीकाकरण शुरू हुआ था। किशोरों के टीकाकरण के मामले में प्रदेश में पीलीभीत पहले तो वाराणसी दूसरे स्थान पर है।

वहीं पूरी दुनिया में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न प्रयास जारी हैं। इसी क्रम में मंगलवार तक के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 94.54 प्रतिशत लोगों ने टीके की पहली डोज लगवा ली है, जबकि 60 प्रतिशत से अधिक आबादी कोविड टीके की दोनों डोज ले चुकी है। वहीं 15-18 आयु वर्ग तक के लगभग 42 प्रतिशत किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है व 35 प्रतिशत पात्र लोगों को प्रीकाशन डोज भी मिल चुकी है।

वहीं दूसरी तरफ़ राज्य टीकाकरण अधिकारी डा. अजय घई ने कोविड टीकाकरण के लिए जनसहयोग की भावना से काम करने के अपील की है। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में कोविड टीकाकरण की संख्या अच्छी है वहां यही तेजी बनाए रखना होगा जहां कम है वहां और काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि 15-18 आयु वर्ग तक के युवा कोविड टीके की दूसरी डोज की नियत तारीख पर लगवा लें तभी पूरी सुरक्षा मिल पाएगी।

वहीं दूसरी तरफ़ युवाओं को कोविड टीका से प्रतिरक्षित करने में अभी तक 69.58 प्रतिशत के साथ पीलीभीत सबसे आगे है। वहीं 65.27 प्रतिशत के साथ वाराणसी दूसरे नंबर पर व 60.07 प्रतिशत के साथ गोंडा तीसरे स्थान पर है। हालांकि युवाओं के टीकाकरण ग्राफ में संभल सबसे नीचे है। यहां 26.70 प्रतिशत टीकाकरण हुआ है। इससे थोड़ा सुधार के साथ रामपुर और आगरा है। यहां क्रमशः 27.48 प्रतिशत और 27.73 प्रतिशत टीकाकरण हो पाया है।

बता दें कि वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने कहा कि वाराणसी में जिला प्रशासन ने कोविड-19 का टीकाकरण बढ़ाने के लिए कई तरह की रणनीतियों पर कार्य किया है। एक तरफ जहां स्कूलों में शिविर लगाने से टीकाकरण का ग्राफ बढ़ा है वहीं युवाओं के बीच कोविड टीके के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए निगरानी समिति, फ्रंटलाइन वर्कर, एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र, युवक मंगल दल, बाल सुधार गृह और चाइल्ड लाइन जैसे संस्थानों की बड़ी सकरात्मक भूमिका सामने आई है। 

वहीं दूसरी तरफ़ इन संस्थानों के जरिए जागरूकता की लहर पैदा की जा रही है। वहीं ग्राम प्रधान व अन्य विभागों की मदद और सत्र विभाजन जैसे फार्मूले भी इस टीकाकरण को बढ़ाने में सार्थक भूमिका निभा रहे हैं। उन्होने कहा कि और तन्मयता से कार्य करने की जरूरत है जिससे कि हम शत-प्रतिशत लोगों का टीकाकरण कर सकें।