Headlines
Loading...
यूपी: प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले अपनों को छोड़ माननीय बनने की होड़ में पाला बदलते विधायक, मंत्री, और एमएलसी।

यूपी: प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले अपनों को छोड़ माननीय बनने की होड़ में पाला बदलते विधायक, मंत्री, और एमएलसी।

                                 𝕊.𝕂.𝔾𝕦𝕡𝕥𝕒 ℝ𝕖𝕡𝕠𝕣𝕥𝕖𝕣 

वाराणसी। विभिन्न दलों की एक विचारधारा होती है। पार्टी के नेता उस विचारधारा का पालन करने का दंभ भरते हैं। पार्टी की रीति-नीति का अनुपालन करते हुए वर्षों, दशकों तक दल से जुड़े रहते हैं। मगर सत्ता की ललक ऐसी कि वर्षों पुरानी पार्टी, उसकी विचारधारा, धर्म-ईमान को छोड़कर दूसरे दल में शामिल हो जाते थे। 

वहीं पाला बदल का यह खेल विशेष रूप से चुनाव से पहले देखने को मिलता है। चुनावों की घोषणा भले ही आठ जनवरी को हुई, पूर्वांचल में दल-बदल का यह खेल कई महीने से चल रहा है। परिणाम स्वरूप कई छोटे-बड़े मंत्री, नेता, विधायक एक पार्टी से दूसरी में आते-जाते दिखते रहे। सपा और भाजपा में यह रोग सिर चढ़कर बोल रहा है। कई जिलों में इसका गहरा प्रभाव भी चुनाव में देखने को मिलेगा।

वहीं गाजीपुर में सैदपुर से विधायक सुभाष पासी ने सपा छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। सपा के पूर्व मंत्री विजय मिश्र जो बसपा में थे, अब भगवा का झंडा थाम लिया है। बसपा के दो बार विधायक कालीचरन राजभर भी भाजपा के हो चुके हैैं। सोनभद्र में सात बार के विधायक और पिछले चुनाव में बसपा के टिकट पर दुद्धी से चुनाव लड़े विजय सिंह गौड़ इस बार सपा से खम ठोकेंगे। दुद्धी से निर्दल विधायक रह चुकीं रूबी प्रसाद कई दलों से होते हुए छह माह पहले भाजपा में शामिल हो गईं हैं।

बता दें कि वहीं मीरजापुर से सपा के सांसद रहे बाल कुमार पटेल पार्टी छोड़कर कांग्रेस में गए थे लेकिन पुन: सपा में लौट आए। राजगढ़ से कांग्रेस के पूर्व विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कमलापति त्रिपाठी के नाती ललितेशपति त्रिपाठी तृणमूल कांग्रेस में चले गए हैैं। भदोही में कोई विशेष फेरबदल तो नहीं हुआ, लेकिन आगरा जेल में बंद निषाद पार्टी के चर्चित विधायक विजय मिश्र कब पाला बदल लेंगे कहा नहीं जा सकता।

वहीं मऊ जनपद के मोहम्मदाबाद से पूर्व विधायक व बसपा सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र कुमार सपा में शामिल हो गए हैं। बसपा से ही दो बार मधुबन से विधायक रहे उमेश चंद्र पांडेय और वरिष्ठ भाजपा नेता डा. एचएन सिंह पटेल सपा में चले गए हैं। जौनपुर के मुगराबादशाहपुर से बसपा विधायक सुषमा पटेल सपा में तो यहीं से सपा व कांग्रेस गठबंधन से लड़े अजय शंकर दुबे 'अज्जू भाजपा में शामिल हो गए हैं। चंदौली की मुगलसराय सीट से तीन बार विधायक रहे भाजपा के छब्बू पटेल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।

वहीं दूसरी तरफ़ बनारस में समाजवादी विचारधारा से प्रभावित छात्रसंघ के रास्ते सपा में आए शतरूद्र प्रसाद ने दक्षिणपंथी विचारधारा का भगवा ध्वज उठा लिए हैं। पूर्व विधायक राबिया कांग्रेस और पूर्व विधायक उदय लाल मौर्य बसपा छोड़कर सपा में चले गे तो कांग्रेस के पूर्व मंत्री स्वर्गीय निहाला सिंह के बेटे व कांग्रेस नेता तेग बहादुर सिंह तेगा सिंह भाजपा में शामिल हो गए हैं।

वहीं बलिया में भाजपा के फ्रायरब्रांड नेता और लगातार अपनी ही पार्टी को निशाने पर रखने वाले पूर्व विधायक रामइकबाल सिंह सपा में शामिल हो गए। मुलायम सिंह व शिवपाल यादव के करीबी अंबिका चौधरी की घर वापसी हो चुकी है। वह बसपा से सपा में लौट आए। सपा के एमएलसी रवि शंकर सिंह पप्पू और सपा से नगर पालिका अध्यक्ष अजय कुमार को भाजपा भा गई।

बता दें कि वहीं आजमगढ़ में सपा-बसपा के गढ़ में भाजपा ने सेंध लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कई फेरबदल देखने को मिले जिसका असर चुनाव पर दिखेगा। सगड़ी से बसपा विधायक वंदना सिंह भाजपा में गईं तो मुबारकपुर से बसपा विधायक व विधानमंडल दल के नेता शाह आलम गुड्डू ने भी पार्टी छोड़ दी है। बसपा के विधायक, मंत्री रहे स्वर्गीय सुखदेव राजभर ने अपने जीते जी बेटे कमलाकांत राजभर को सपा की सदस्यता दिला दी थी। अतरौलिया से बसपा से चुनाव लड़ चुके अखंड सिंह की पत्नी वंदना सिंह ने निषाद पार्टी में जाना चुना। पूर्व मंत्री चंद्रदेवराम यादव करेली बसपा छोड़कर सपा में आ गए हैैं।