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यूपी: सोनभद्र के स्पोर्ट्स कालेजों में प्रवेश के लिए देना होगा जैविक आयु प्रमाण पत्र, पहली बार लागू हुई यह प्रक्रिया।
सोनभद्र। प्रदेश के स्पोर्ट्स कालेजों में प्रवेश लेना अब आसान नहीं होगा। अब वही किशोर प्रवेश ले सकेंगे जो जैविक आयु प्रमाण पत्र जमा करेंगे। सरकार ने स्पोर्ट्स कालेजों में प्रवेश के लिए पहली बार जैविक आयु प्रमाण पत्र लागू किया है। यह प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्साधिकारी जारी करेंगे। इस व्यवस्था के लागू होने से छात्रों के उम्र को लेकर होने वाले विवाद पर पूर्ण रूप से विराम लग जाएगा।
वहीं विंध्याचल मंडल के बच्चों की खेल चयन परीक्षा (ट्रायल) 27 व 28 जनवरी को क्षेत्रीय खेल अधिकारी कार्यालय की ओर से चयनित स्थान पर होगी। उत्तर प्रदेश स्पोर्ट्स कालेज सोसाइटी के अधीन संचालित गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कालेज लखनऊ, वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज गोरखपुर एवं मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स कालेज सैफई में वर्ष 2022-23 में प्रवेश के लिए प्रारंभिक चयन परीक्षा 17 जनवरी को शुरू होगी।
वहीं दूसरी तरफ़ विंध्याचल मंडल में 27 व 28 जनवरी को खेल टेस्ट होगा। इसमे भाग लेने के लिए अभ्यर्थियों को जैविक आयु प्रमाण पत्र बनवाना अनिवार्य होगा। प्रवेश टेस्ट के लिए अभ्यर्थी की आयु एक जून 2022 को 9 से 12 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। मतलब एक अप्रैल 2010 से पहले और 31 मार्च 2013 के बाद का जन्म न हो।
वहीं यदि कोई अभ्यर्थी सत्र 2020-21 में कक्षा पांच उत्तीर्ण कर चुका है और सत्र 2021-22 में कहीं शिक्षा प्राप्त नहीं कर रहा है तो उसके अभिभावक द्वारा इसकी सूचना दस रुपये के शपथ पत्र पर उपलब्ध कराकर आवेदन कर सकता है। सचिव प्रबंध समिति एवं गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कालेज प्रधानाचार्य एसएस मिश्रा ने भी अपने अपने पत्र में सभी अभ्यर्थियों को जैविक आयु प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से बनवाने का निर्देश दिया है। कहा कि बिना प्रमाण पत्र के किसी भी अभ्यर्थी का प्रवेश स्पोर्ट्स कालेज में नहीं होगा। कक्षा 6 में प्रवेश के लिए खेल टेस्ट होगा। सरकार ने जैविक आयु प्रमाण पत्र के लिए फार्मेट भी जारी कर दिया है।
बता दें कि वहीं अभ्यर्थी के कलाई का एक्स-रे किया जाता है। रिपोर्ट के आधार पर विशेषज्ञ चिकित्सक उम्र का निर्धारण करते हैं। इसमें किसी तरह की कोई गड़बड़ी होने का प्रतिशत न के बराबर होता है। इसलिए इसे सबसे प्रमाणित माना जाता है।
वहीं दूसरी ओर आरएस ठाकुर, सीएमओ ने बताया कि इस तरह का आदेश आया है। संबंधितों को इसके लिए निर्देशित किया गया है कि बच्चों का जैविक आयु प्रमाण पत्र बनाया जाए। ताकि उन्हें प्रवेश के दौरान किसी तरह की समस्या न आने पाए।