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यूपी: मैनपुरी में अधूरे इंतजाम के बीच शुरू हो गई ज़िला अस्पताल की बर्न यूनिट एंड प्लास्टिक सर्जरी।
मैनपुरी। आधे-अधूरे इंतजामों के बीच आनन-फानन में बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी यूनिट का संचालन शुरू कराया जा रहा है। न उपकरण हैं और न ही विशेषज्ञ। ऐसे में यूनिट की शुरुआत पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि, अस्पताल प्रशासन यहां सिर्फ मरीजों को भर्ती करने की बात ही कह रहा है।
वहीं 100 शैया अस्पताल परिसर में वर्ष 2019 में लाखों रुपये की लागत से बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी यूनिट का निर्माण कराया गया था। इसी साल इसका संचालन कराया जाना था, लेकिन अनदेखी की वजह से व्यवस्था अटकी रही। बाद में वर्ष 2021 में इस भवन का इस्तेमाल वैक्सीनेशन के लिए कर लिया गया। कोरोना संक्रमण की आड़ में संचालन फिर से अटक गया था।
वहीं अब अचानक अस्पताल प्रशासन द्वारा इसे संचालित कराया जा रहा है। स्थिति यह है कि इस यूनिट में जीवनरक्षा प्रणाली के नाम पर एक भी उपकरण नहीं हैं। सिर्फ खाली कमरे बने हुए हैं। सुविधा भी नहीं है। ऐसे में नर्सिंग स्टाफ को यहां की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अभी सिर्फ मरीजों को भर्ती किया जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ़ उनके उपचार और दवाओं से संबंधित हर जरूरत का सामान अस्पताल से ही भेजा जाएगा। यूनिट के चारों ओर गंदगी बिखरी पड़ी है। दिन ढलते ही यहां अराजक तत्वों का जमावड़ा हो जाता है। इस नई यूनिट में अग्निशमन यंत्र लगवाए गए थे, जो 2019 में ही एक्सपायर हो चुके हैं। इसके बाद उन्हें दोबारा भरवाने की पहल भी नहीं की गई है। फायर अलार्म पैनल भी सही ढंग से काम नहीं कर रहा है।
वहीं जिला अस्पताल के बर्न वार्ड से जले हुए मरीजों को स्ट्रेचर पर लिटाकर यहां यूनिट तक लाया जाएगा। लगभग 250 मीटर का रास्ता पूरी तरह से ऊबड़-खाबड़ है। रास्ते में रोशनी तक के प्रबंध नहीं हैं। ऐसे में यदि स्ट्रेचर अनियंत्रित होता है तो मरीज की जान का खतरा बना रहेगा।
1. यूनिट संचालन के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों व स्टाफ की अलग से तैनाती की जाएगी।
2. गंभीर रूप से जले हुए मरीजों को सीधे इसी यूनिट में भर्ती कराया जाएगा।
3. इमरजेंसी, जनरल वार्ड, आइसीयू और आपरेशन थियेटर की सुविधा होगी।
4. स्टाफ के ठहरने और रात्रि विश्राम के प्रबंध भी होंगे। जल्द ही सभी प्रबंध कराए जाएंगे। मरीजों की सुरक्षा और उपचार को लेकर भी व्यवस्था की जा रही है। यूनिट का संचालन होने से पहले वहां सुरक्षा मानकों की पड़ताल भी की जाएगी।