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यूपी: मीरजापुर में सूर्य से संबंध पर बाल वैज्ञानिकों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। .

यूपी: मीरजापुर में सूर्य से संबंध पर बाल वैज्ञानिकों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। .


मीरजापुर। जिला विज्ञान क्लब द्वारा आनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें मकर संक्रांति के वैज्ञानिक महत्व एवं सूर्य से संबंध पर बाल वैज्ञानिकों ने अपने विचार व्यक्त किए। जिला समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि मकर संक्रांति सिर्फ त्योहार ही नहीं बल्कि इसका संबंध प्रकृति से है।

वहीं उन्होंने बताया कि इसको उत्तरप्रदेश में खिचड़ी, असम में बिहू, तमिलनाडु में पोंगल, पंजाब एवं हरियाणा में लोहड़ी, कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश में केवल संक्रांति कहते हैं। इसका संबंध केवल सूर्य की गति से है। मकर संक्रांति से दिन लंबे और रात छोटी होने लगती है। 

वहीं भौतिक विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर डा. केके गोस्वामी ने बताया कि वैज्ञानिक प्रेक्षद के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि सूर्य पूर्व से पश्चिम की ओर 27 दिनों में अपने अक्ष की परिक्रमा करता है। मकर संक्रांति से ठंड कम होने लगती है। खगोल वैज्ञानिक कृष्ण चंद्र ने बताया कि सूर्य के उत्तरायण स्थिति का बहुत महत्व है। 

वहीं सूर्य के उत्तरायण होने पर दिन बड़ा होने से मनुष्य की कार्य क्षमता में वृद्धि होती है। प्रकाश में वृद्धि से मनुष्य की शक्ति में वृद्धि होती है। आयुर्वेद शोध छात्र प्रवीण कुमार ने बताया कि इस मौसम में तिल एवम गुड़ खाना काफी फायदेमंद होता है। मटर और अदरक मिलाकर बने खिचड़ी से शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।