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यूपी: वाराणसी सहित आसपास भाेर में बरसात के कारण आसमान में नहीं खुला बादल।

यूपी: वाराणसी सहित आसपास भाेर में बरसात के कारण आसमान में नहीं खुला बादल।

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वाराणसी। आसपास के आसमान में बादलों का डेरा है। भोर में बरसात होने ठंड बढ़ गई है। रविवार को दोपहर में भी सुबह का अहसास हो रहा है। आमतौर पर ऐसा मौसम पहाड़ों पर देखने को मिलता है लेकिन फिलहाल इसे देखने के लिए किसी पहाड़ पर जाने की जरूरत नहीं। वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में यह माहौल बीते तीन दिन से बना हुआ है।

वहीं शनिवार भोर में गरज चमक के साथ बारिश हुई थी कि रविवार सुबह भी आसमान में डेरा जमाए घने बादलों ने तेज हवाओं व गरज चमक के साथ बारिश का रूप अख्तियार कर लिया। क्षेत्रीय किसानों ने बेमौसम बारिश से रबी की फसलों को नुकसान होने की संभावना जताई है। मौसम का मिजाज बदलने व बारिश होने से क्षेत्रीय किसानों में रबी की फसलों को लेकर चिंता सताने लगी है। 

वहीं दूसरी तरफ़ बारिश होने से ठंड में भी काफी इजाफा हो गया है सर्द हवा व गलन से लोग बेहाल हैं। ठंड से बचने के लिए लोगों अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है। आसमान में छाए घने बादलों के बारिश करने तथा ओलावृष्टि की आशंका के चलते क्षेत्रीय किसानों में दलहनी, तिलहनी फसलों की सुरक्षा को लेकर चिंता सताने लगी है। यदि बारिश का क्रम इसी तरह जारी रहा तो अरहर, सरसों, मटर, आलू आदि फसलों को भारी नुकसान पहुंचेगा। 

वहीं किसान शिव चरण त्रिपाठी, नर्वदा प्रसाद मिश्र, सत्येन्द्र सिंह, अमरनाथ शर्मा आदि ने बताया कि बारिश का क्रम इसी तरह से जारी रहा तो दलहनी व तिलहनी फसलों में लगे फूल गिरकर नष्ट हो जाएंगे जिससे पैदावार पर असर पड़ेगा। ठंड का प्रकोप बढ़ने से आमजन तथा पशु पक्षियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पशुपालक ठंड से बचाव के लिए पशुओं की सुरक्षा के इंतजाम में लगे हुए हैं। 

बता दें कि वहीं ठंड होने के बाद भी सार्वजनिक स्थानों पर अलाव नही जलने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है। बारिश व सर्द हवाओं से ठंड व गलन बढ़ गई है जिससे पशुओं में भी संक्रमित बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। आसमान में छाए घने बादलों के बारिश करने से किसानों की धड़कनें बढ़ गई है। मौसम विज्ञानी इसकी वजह पश्चिमोत्तर भारत बनने वाली वायुमंडलीय परिस्थितियों को बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि उत्तरी पाकिस्तान और सटे जम्मू-कश्मीर के ऊपर एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। 

वही इसके अलावा राजस्थान से लेकर दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश की ऊपरी हवाओं 3000 फीट की ऊंचाई पर एक चक्रवातीय हवा का क्षेत्र बना हुआ है। इसके परिणामस्वरूप दिल्ली से लेकर लखनऊ तक अच्छी बारिश हुई है। इसी वायुमंडलीय परिस्थिति के चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश के आसमान में बादल छाए हुए हैं और रूक रूक कर बारिश का सिलसिला जारी है।