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यूपी: गोरखपुर संतकबीर नगर जिले में आंबेडकर गांवों में बने सामुदायिक केंद्र, संसाधनों के अभाव में शुरू न हो सका अभी भी संचालन।
गोरखपुर। संतकबीर नगर जिले में आंबेडकर गांवों में पांच वर्ष पहले बने सामुदायिक केंद्र बनने के बाद से ही संचालित न हो पाने से अस्पताल ध्वस्त हो रहे हैं। इससे न सिर्फ सरकार के लाखों रुपये बेकार साबित हो रहे हैं बल्कि लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। क्षेत्रीय निवासियों ने सरकार से केन्द्रों का संचालन करवाने की मांग किया है।
वहीं पांच वर्ष पूर्व सरकार द्वारा आंबेडकर गांवों में सामुदायिक केंद्रों का निर्माण कार्य शुरु करवाया गया था। योजना के अनुसार यहां टीकाकरण के लिए एएनएम के साथ ही सप्ताह में दो तीन दिन डाक्टर को भी बैठना था। इससे रोगों से बचाव के प्रति जागरुकता और इलाज कार्य को गति मिलने की आशा जगी थी। इसके अन्तर्गत सांथा के ग्राम पुरैना, देवकली, मेंहदूपार, प्रतापपुर तथा बेलहर के रमवापुर समेत लगभग आधा दर्जन से अधिक सामुदायिक केंद्रों का निर्माण करवाया गया था।
वहीं लेकिन बनने के बाद से ही अस्पताल के संचालन नहीं होने से पुरैना, देवकली का सामुदायिक केंद्र पूरी तरह से जर्जर होकर ध्वस्त होने के कगार पर है। इसके फाटक व खिड़कियां टूटकर गिर चुकी हैं तथा चहारदीवारी भी ध्वस्त हो गई है। यही हाल देवकली के सामुदायिक केंद्र का है जिसके परिसर में झाड़ आदि उग गए हैं। यहां भी खिड़कियां और फाटक आदि टूटकर खत्म हो चुके हैं। इसके अलावां रमवापुर में लगभग आठ लाख रुपये की लागत से बने सामुदायिक केंद्र का है।
बता दें कि क्षेत्रीय निवासी दीपक कन्नौजिया, अशोक कुमार, राजेश, रामकेश, अबूबकर, इरफान अहमद, संजय कुमार, रणजीत, मोहम्मद अयूब आदि ने उच्चाधिकारियों से केंद्रों का संचालन शुरु करवाने की मांग किया है। एसडीएम अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि सामुदायिक अस्पताल की बदहाली की जानकारी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर अस्पताल को चालू कराने को कहा जायेगा।