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यूपी: वाराणसी में कोरोना संक्रमण सक्रिय और रिकवर ग्राफ हुआ बराबरी पर।

यूपी: वाराणसी में कोरोना संक्रमण सक्रिय और रिकवर ग्राफ हुआ बराबरी पर।

                                    𝐒.𝐊. 𝐆𝐮𝐩𝐭𝐚 𝐑𝐞𝐩𝐨𝐫𝐭𝐞𝐫

वाराणसी। दिसंबर से शुरू कोरोना की तीसरी लहर में वाराणसी में सर्वाधिक संक्रमितों की संख्या 14 जनवरी को 666 मिलने के बाद अब इसमें घटते-बढ़ते क्रम में कमी आने लगी है। इस बीच ठीक होने वालों की संख्या भी निरंतर बढ़ती गई और 19 जनवरी को रिकवर होने वालों की संख्या संक्रमित होने वाले 634 के मुकाबले 1023 रही। 

वहीं अगले दिन भी यह 518 के मुकाबले 800 रही। आंकड़ों को देखें तो यह भी पता चलता है कि 17 जनवरी को सक्रिय केस की संख्या सर्वाधिक 4716 रही जो क्रमश: घटते हुए 22 जनवरी तक 3854 पर पहुंच गई है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि अब कोरोना का संक्रमण बहुत प्रभावी नहीं रहा, जितने लोग संक्रमित हो रहे हैं, लगभग उतनी ही संख्या में प्रतिदिन लोग ठीक भी होने लगे हैं। 

वहीं संक्रमण दर कम होती भी दिखी लेकिन बीते दो दिनों 21 व 22 जनवरी को दुबारा बढ़ना शुरू हुई संक्रमण दर ने फिर चिंता को बढ़ा दिया है। चिकित्सकाें का कहना है कि अभी बहुत ही अधिक सावधानी की आवश्यकता है, जिस तरह से कोरोना कमजाेर पड़ता दिखा है, उससे बहुत अधिक उत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है, वरना यह दोबारा भी बढ़ी तो फिर स्थिति चिंताजनक हो सकती है।

वहीं दूसरी तरफ़ जनपद में तीसरी लहर एक दिसंबर से शुरू होने के बाद पूरे दिसंबर माह में संक्रमित मिलते रहे। यह क्रम 10 जनवरी तक चलता रहा। 11 जनवरी से लोगों के स्वस्थ होने का सिलसिला शुरू हुआ जो उत्तरोत्तर बढ़ता गया। 19 जनवरी को सर्वाधिक 1023 लोग स्वस्थ हुए तो रिकवरी रेट 40.51 फीसद रही। अगले दिनों में भले ही स्वस्थ होने वालों की संख्या घटी लेकिन रिकवरी रेट बढ़ती गई जो 22 जनवरी तक 55.34 पहुंची। इस बीच 21 जनवरी को एक संक्रमित की मौत हुई जो पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त था।

बता दें कि वहीं काशी हिंदू विश्वविद्यालय के जीन विज्ञानी प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने अपने अध्ययन के आधार पर कोरोना के संक्रमण और रिकवरी रेट का ग्राफ तैयार किया है। आंकड़ाें को देखें तो 16 जनवरी को संक्रमण दर सर्वाधिक 10.42 फीसद रही तो इसके बाद से वह घटना भी शुरू हो गई। अगले दिन 8.79 फीसद, 19 जनवरी को 7.93 फीसद, 20 को 7.09 फीसद रही। 

वहीं इन आंकड़ों ने उम्मीद जगाई तो 21 जनवरी फिर संक्रमण दर 8.54 और 22 को 9.81 पहुंच जाने से चिंता बढ़ गई। प्रो. चौबे कहते हैं इस ट्रेंड को देखा जाय तो इससे एक बात तो तय है कि लोग यदि सावधानी बरतें तो इस माह के अंत तक ही कोरोना को हराया जा सकता है।

वहीं यह वायरस के म्यूटेंट का संक्रमण है। अभी बनारस में संक्रमण को जो ट्रेंड है, वही लगभग पूरे देश में चल रहा है। फिर भी कुछ पाकेट्स ऐसे हैं जहां अभी स्थिति गंभीर है। इसलिए यह कहा जाना कि कोरोना की तीसरी लहर अपने पीक पर पहुंचकर घट रही है, यह जल्दबाजी होगी। अभी मौसम वायरस के अनुकूल है। आगे चुनाव है, लोगों को बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अन्यथा यह सुधरती दर अभी पल्टी भी मार सकती है। हां, यह जरूर है कि लोग यदि सावधानी बरतें तो इसे मात दिया जा सकता है।

वहीं दूसरी ओर संक्रमण की दर कम हुई है, रिकवरी रेट बढ़ रही है। इससे अभी बहुत उत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है। हां, यह जरूर है कि दूसरी लहर की अपेक्षा तीसरी लहर उतनी खतरनाक नहीं है। यह विषाणुजनित रोग है। यह भी नहीं कहा जा सकता कि अभी इसके और म्यूटेशन नहीं होंगे। इसलिए विजयी भव का भाव न रखकर सावधान रहने की जरूरत है। यदि प्रकृति ने हमें अवसर दिया है तो मास्क, सैनिटाइजर और शारीरिक दूरी को आदत में बनाए रखें। डरें नहीं, लेकिन बचाव जरूर करें।


1. 16 जनवरी 606 10.42 फीसद 192 4490

2. 17 जनवरी 521 8.79 फीसद 295 4716

3. 19 जनवरी 634 7.93 फीसद 1023 40.51 4151

4. 20 जनवरी 518 7.09 फीसद 800 48.39 3869

5. 21 जनवरी 624 8.54 फीसद 611 52.19 3881

6. 22 जनवरी 512 9.81 फीसद 539 55.39 3854

7. 23 जनवरी 411 6.43 फीसद 566 59.08 3697