Headlines
Loading...
यूपी: वाराणसी डीएवी पीजी कालेज आजमगढ़ में उप मंत्री के पद से शुरू करने वाले दारा सिंह चौहान दल बदलने में हैं माहिर।

यूपी: वाराणसी डीएवी पीजी कालेज आजमगढ़ में उप मंत्री के पद से शुरू करने वाले दारा सिंह चौहान दल बदलने में हैं माहिर।


वाराणसी। भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र देने वाले उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं पर्यावरण मंत्री रहे दारा सिंह चौहान दल बदलने में माहिर रहे हैं। दारा सिंह चौहान ने राजनीतिक जीवन में कदम छात्र राजनीति से रखा था। 

वहीं डीएवीपीजी कालेज आजमगढ़ में उप मंत्री चुने जाने के बाद काफी दिनों तक कांग्रेस संगठन में बतौर पदाधिकारी रहे। मौके की नजाकत को देखते हुए समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। वर्ष 1996 में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उन्हें राज्यसभा भेजा।

वहीं 2000 में कार्यकाल पूरा होने पर पुनः 2000 से 2006 तक राज्यसभा में सपा का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद इन्होंने फिर पलटी मारी और बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए। राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने इन्हें घोसी लोकसभा सीट से 2009 में चुनाव लड़ाया और पहली बार लोकसभा सदस्य बने। बहुजन समाज पार्टी ने इन्हें लोकसभा में संसदीय दल का नेता बनाया। 

वहीं वर्ष 2014 में पुनः बसपा के टिकट पर लोकसभा के लिए मैदान में उतरे किंतु भाजपा प्रत्याशी हरिनारायण राजभर के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा। देश में चल रहे सियासी तापमान को भांप दारा सिंह चौहान वर्ष 2015 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये। 

वहीं किस्मत के धनी दारा सिंह चौहान को भाजपा ने भी भरपूर सम्मान दिया और इन्हें पिछड़ा वर्ग मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया। 2017 के चुनाव में पार्टी ने इन्हें मधुबन विधानसभा से टिकट दिया। 30,000 से अधिक वोटों से जीत कर दारा सिंह चौहान प्रदेश सरकार में मंत्री बने। दारा सिंह चौहान इस बार फिर चुनाव के पहले पलटी मार गए।

वहीं दूसरी तरफ़ दारा सिंह चौहान ने राज्यपाल को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा है, ‘पिछड़ों, वंचितों, दलितों, किसानों और बेरोजगार नौजवानों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के साथ पिछड़े और दलितों के आरक्षण के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है, उससे आहत होकर मैं उत्तर प्रदेश मंत्रि-मंडल से इस्तीफा देता हूं। 

वहीं हालांकि, इस फैसले के बाद अभी भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बता दें कि दारा सिंह चौहान मऊ जिले की मधुबन विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं। माना जा रहा है कि वह फिर समाजवादी पार्टी का रुख कर सकते हैं।