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यूपी: बेमौसम बारिश से अलीगढ सहित प्रदेश के अन्य राज्यों में बढती गलन के साथ हवाओं में बर्फीला रहा एहसास।

यूपी: बेमौसम बारिश से अलीगढ सहित प्रदेश के अन्य राज्यों में बढती गलन के साथ हवाओं में बर्फीला रहा एहसास।


लखनऊ। अलीगढ़ सहित प्रदेश के अन्य राज्यों में बीते चार दिनों से मौसम में आया परिवर्तन अभी तक पटरी पर नहीं आया है। रविवार को भी आसमान पर बादल छाए रहे। दिनभर रुक-रुककर रिमझिम बारिश होती रही और सूरज के दर्शन नहीं हो पाए। सर्द हवा से ठिठुरन बढ़ गई है। अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तीन डिग्री सेल्सियस तक रिकार्ड हुआ।

वहीं रविवार को तड़के बूंदाबांदी हुई तो दिन में भी बादल छाए रहे। सूर्यदेव के दर्शन को लोग तरस गए। हवाओं में ठंडक थी, जिससे राहगीर भी कांपते नजर आए। तमाम जगहों पर लोग दिन में भी अलाव तापते हुए नजर आ रहे थे। मौसम में ठंडक व गलन से जनजीवन प्रभावित रहा। मौसम बीते चार दिनों से बदला हुआ है। गुरुवार को बारिश हुई, इससे शहर में तमाम जगहों पर कीचड़ हो गया। 

वहीं दूसरी तरफ़ शुक्रवार को भी हल्की बूंदाबांदी हुई। हालांकि, दिन में मौसम साफ रहा। शनिवार को तड़के से बूंदाबांदी शुरू हो गई। तड़के तीन बजे से बूंदाबांदी शुरू हुई थी। सुबह सात बजे तेज बारिश शुरू हो गई। इससे शहर में कुछ जगहों पर जलभराव हो गया। बारिश तो थमी तो नौ बजे के करीब हल्की धूप आई। एक घंटे के करीब धूप रही होगी, मगर उसके बाद फिर बादल छा गए। दिन भर बादल छाए रहे। 

वहीं दोपहर में एक बजे के करीब फिर रिमझिम फुहार पड़ी। इससे लोग बहुत जरूरी होने पर घरों से निकले। इसलिए प्रमुख बाजारों और मार्गों पर भीड़ कम दिखी। लोग घरों में बैठे रजाई आदि में चाय आदि का आनंद लेते रहे। शाम पांच बजे तक बादल छाए रहे। उधर, रैन बसेरों में लोगों ने शरण ली। अलाव आदि तापते नजर आए। चौराहों पर चाय आदि की दुकान पर कुछ भीड़ रही। रविवार को भी दिनभर आसमान में बादल छाए रहे और रुक रुक बारिश होती रही। सोमवार से मौसम पटरी पर आने की उम्मीद है। हालांकि, मकर संक्रांति तक मौसम में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।

वहीं चार दिनाें से रुक रुक कर हुई बारिश गेंहू के लिए अमृत के सामान है। गेंहूं को इसका खूब फायदा मिलेगा। मगर, दलहन और तिलहन की फसल को नुकसान होगा। हालांकि, अभी कोई खास नुकसान नहीं है, मगर आगे यदि बारिश होती है तो मौसम का असर देखने को मिलेगा। आलू भी प्रभावित हो सकता है।