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यूपी: वाराणसी में लोकार्पण से पहले ही ई-रिक्शा कारिडोर हुआ क्षतिग्रस्त।
वाराणसी। वरुणा किनारे बने कारिडोर को ई-रिक्शा कारिडोर के तौर पर विकसित किया जा रहा है। बीते दो साल ये यह कवायद चल रही है। रैंप बन गए हैं तो बड़े वाहनों को कारिडोर में प्रवेश करने से रोकने के लिए लोहे का हाइट गेज भी लगा दिया गया है।
वहीं तीसरे चरण का कार्य भी प्रारंभ होने जा रहा है। पहले व दूसरे फेज का लोकार्पण करने की तैयारी भी हो रही है लेकिन इससे पहले ही कारिडोर का रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। इंटरलाइकिंग उखड़ गई है तो रास्ता नीचे से खोखला हो रहा है। बालू से भरी बोरियां लगाकर रोका गया है।
वहीं वरुणा किनारे प्रस्तावित ई-रिक्शा कारिडोर का दूसरा चरण का काम पूरा होने को है। इसके बाद यू-टर्न में वरुणा नदी के किनारे ई-रिक्शा कारिडोर के नाम से एक सर्किट का काम पूरा हो जाएगा। परियोजना की लागत में करीब पांच लाख की बढ़ोतरी की गई है। अब 110 लाख से अधिक आएगा खर्च होने का अनुमान है। तीन जगहों पर बनने वाले रैंप की डिजाइन में परिवर्तन किया गया।
वहीं दूसरी तरफ़ इसके बाद अब नक्खीघाट पर बनने वाला रैंप 10 पिलरों पर खड़ा हो गया। पहले यहां फाउंडेशन पिलर प्रस्तावित था लेकिन अब पायलिंग पिलर के सहारे पूरी रैंप तैयार किया गया है। ई-रिक्शा कारिडोर वरुणापार के शास्त्रीघाट से शुरू होकर पुराना पुल तक बनाया जा रहा है। बाद में इसकी कनेक्टिविटी खिड़किया घाट से दी जाएगी।
वहीं वाराणसी विकास प्राधिकरण का प्रयास है कि जाम से लोगों को राहत तो मिले ही साथ ही एक वैकल्पिक मार्ग भी तैयार हो जाए। इसी के तहत ई-रिक्शा कारिडोर का निर्माण किया जा रहा है। पहले चरण का काम पूरा हो गया है। वहीं, दूसरे चरण के काम की शुरूआत नक्खीघाट से हो गई है।