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यूपी: रविदास जयंती के लिए पंजाब से श्रद्धालुओं को लेकर वाराणसी आएंगी दो स्पेशल रेलगाड़ियां।
वाराणसी। रविदास जयंती को लेकर पहले पंजाब में मतदान की तिथि बदली और अब दो स्पेशल ट्रेनों से रैदासियों में खुशी की लहर है। पहली ट्रेन से संत निरंजन दास 14 फरवरी को बेगमपुरा स्पेशल से काशी पहुंचेंगे। वहीं 17 फरवरी को वापस जालंधर लौटेंगे। पंजाब से दूसरी ट्रेन से 15 को बनारस श्रद्धालु पहुंचेंगे और 18 फरवरी को वापस पंजाब जाएंगे।
वहीं श्री गुरु रविदास जयंती के समय पंजाब चुनाव को लेकर एक तरफ रैदासियों में जहां चिंता थी वहीं सरकार के इस फैसले से खुशी की लहर दौड़ पड़ी। रविदास जयंती के अवसर पर इसबार सरकार की तरफ से दो स्पेशल ट्रेन को अनुमति मिली है।
वहीं पहली ट्रेन 13 फरवरी को संत निरंजन दास और श्रद्धालुओं को लेकर जालंधर पंजाब से चलेगी जो 14 फरवरी को वाराणसी पहुंचेगी। 16 फरवरी को जयंती मनाने के बाद ट्रेन 17 फरवरी को वाराणसी से पंजाब के लिए रवाना होगी जो 18 फरवरी को पंजाब पहुंचेगी।
वहीं दूसरी तरफ़ दूसरी ट्रेन श्रद्धालुओं को लेकर पंजाब से 14 फरवरी को चलेगी जो 15 फरवरी को वाराणसी पहुंचेगी। जयंती के बाद यह ट्रेन वाराणसी से 18 को चलेगी जो 19 फरवरी को पंजाब पहुंच जाएगी। मंदिर प्रबंधन के ट्रस्टी के एल सरोये ने बताया कि संत निरंजन दास और ट्रस्ट की तरफ से मांग की गई थी जिसे सरकार ने स्वीकृति दे दी। सरकार के इस फैसले से रैदास भक्तों में काफी खुशी है कि जयंती मनाने के बाद 20 फरवरी को मतदान भी कर सकेंगे।
वहीं दूसरी ओर पिछली जयंती के अवसर पर कोरोना के कारण सभी ज्यादातर ट्रेन निरस्त कर दी गई थी। इसके कारण संत निरंजन दास हवाई मार्ग से भक्तों और संतों को लेकर आये ते और हवाई मार्ग से ही वापस गए थे। इसके अलावा ज़्यादातर ट्रेन निरस्त कर देने के कारण जयंती में आने वाले भक्तों की संख्या काफी कम थी। भक्तों की माने तो सरकार ने चुनाव को देखते हुए दो स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला लिया है।
वहीं पंजाब में मतदान की तिथि 14 फरवरी निर्धारित होने के कारण रैदासियों में काफी आक्रोश और नाराजगी थी।जिसका कारण रविदास जयंती 16 फरवरी को था। इसको लेकर पंजाब में जमकर विरोध प्रदर्शन और चक्काजाम शुरू हुआ। वही पंजाब सरकार और भाजपा की तरफ से चुनाव आयोग से अपील की गई कि चुनाव की तिथि बदल दी जाय। रैदासियों के प्रदर्शन को देखते हुए चुनाव की तिथि एक हफ्ते टालकर 20 फरवरी कर दी गई ताकि जयंती मनाने के बाद मतदान कर सकें।
बता दें कि वहीं संत रविदास की जयंती और अपने गुरु के लिए भक्तों ने वर्ष 2000 से स्पेशल ट्रेन की शुरुआत की थी जो अनवरत चल रही है। इन 22 सालों में सिर्फ पिछली बार कोरोना के कारण ट्रेन नहीं आ पाई थी। भक्तों ने अपने संत की जन्मस्थली बेगमपुर के नाम पर ही स्पेशल ट्रेन का नाम रखा। खास यह है कि यह ट्रेन पांच दिन के लिए रैदासियों के हवाले रहती है। पंजाब से वाराणसी आने पर दो दिन यह स्टेशन पर ही खड़ी रहती है। ट्रस्टी के एल सरोये ने बताया कि स्पेशल ट्रेन के लिए लगभग 45 लाख का खर्च आया है जो श्रद्धालुओं के दान से चलता है।