Covid-19
यूपी: वाराणसी में जीनोम सिक्वेंसिंग हुआ बंद, वहीं सामुदायिक संक्रमण को नहीं रोक पाया प्रशासन।
वाराणसी। जिले में कोरोना के मामले थमने के नाम नहीं ले रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर में सामुदायिक संक्रमण को रोकने में प्रशासन सफल नहीं हो पाया। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि सामुदायिक संक्रमण नहीं रोक पाने का जिम्मेदार काैन है। कारण कि जिले में कोरोना के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग भी बंद हो गई है। इससे यह भी नहीं पता चल पा रहा है कोरोना का कौन से वैरिएंट जिले में बढ़ रहा है।
वहीं मालूम हो कि दक्षिण अफ्रीका के बाद कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन ने तबाही मचाई। इसके बाद धीरे-धीरे भारत के भी कई राज्यों में पैर पसार लिया। वैसे तो वाराणसी में दिसंबर में ही ओमिक्रोन ने दस्तक दे दी थी। हालांकि जांच के अभाव में इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही थी। जब यहां पर बहुत अधिक मामले हो गए तो चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के एमआरयू लैब में 96 सैंपल की जीनोम सिक्सेंविंग की गई।
वहीं इसकी जांच के बाद करीब 90 फीसद सैंपल में ओमिक्रोन की पुष्टि हो गई। इसे भी स्वास्थ्य विभाग छिपाता रहा, जिसका नतीजा रहा कि कोरोना ने यहां भी तबाही मचानी शुरू कर दी। एक समय तो एक दिन में ही 600 से अधिक मामले आने लगे थे। अभी तक कोरोना संक्रमित 19 लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं दूसरी तरफ़ बावजूद इसके प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। यही कारण कि सामुदायिक संक्रमण पूरी तरह से नहीं रोका जा सका। इस संबंध में सीएमओ डा. संदीप चौधरी ने बताया कि कुछ लोगों के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई गई थी। दोबारा जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए अभी शासन से निर्देश नहीं मिला है।
वहीं कोरोना की तीसरी लहर कम होने का नाम नहीं ले रही है। रविवार को शनिवार से भी अधिक मामले मिले। इसके कारण प्रशासन के भी माथे पर बल आया गया है। पिछले दिनों जहां कोरोना से 252 लोग संक्रमित हुए थे। वहीं, यह आंकड़ा 277 पहुंच गया। संक्रमण दर 5.59 प्रतिशत रही। राहत की बात रही की कोई मौत नहीं हुई।
वहीं 277 नए मामले के साथ जिले में कुल सक्रिय केस 2114 हैं। यानी इतने लोग अभी भी कोरोना पाजिटिव हैं, लेकिन यह नहीं पता है कि कौन से वैरिएंट से पीड़ित हैं। ऐसे में दो हजार से अधिक सक्रिय मामले बयां कर रहे हैं कि अगर अच्छी तरह से जांच हो तो हजारों लोग संक्रमित पाए जाएंगे। वैसे कोरोना की तीसरी लहर में रिकवरी रेट भी 81.79 प्रतिशत हैं। इसकी वजह से 364 लोग स्वस्थ हुए। जिले में 18 मरीजों का अभी भी अस्पताल में उपचार चल रहा है।