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यूपी: गोरखपुर में कोरोना संक्रमण जांच में दिखा बड़ी लापरवाही, एक सप्ताह बाद भी नहीं भेजे गए आरटीपीसीआर नमूने।
गोरखपुर। कोरोना संक्रमण की जांच में गोरखपुर में बड़ी लापरवाही सामने आई है। लिए जा रहे सभी नमूने, मेडिकल कालेज नहीं भेजे जा रहे हैं। दो-तीन दिन बाद नमूने वहां पहुंच रहे हैं। इसमें बहुत से नमूने खो जा रहे हैं जो ढूंढ़ने पर भी नहीं मिल रहे हैं। बिछिया निवासी दो लोगों के साथ ऐसा ही हुआ है। स्वास्थ्य विभाग रीयल टाइम पालीमरेज चेन रियेक्शन आरटीपीसीआर जांच के लिए जितने नमूने ले रहा है, उसकी रिपोर्ट आने के पहले लोग संक्रमण से बाहर हो जा रहे हैं।
वहीं बिछिया के रहने वाले विजय पांडेय व सुमन ने 20 जनवरी को एंटीजन जांच कराई तो रिपोर्ट पाजिटिव आई। आरटीपीसीआर जांच के लिए भी उनके नमूने लिए गए, लेकिन उन्हें आज तक मेडिकल कालेज में जांच के लिए नहीं भेजा गया। उनके स्वजन ने मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग में जब नमूनों की आइडी संख्या के आधार पर खोजबीन शुरू की तो पता चला कि उन नमूनों की आइडी जेनरेट तो हो गई है लेकिन पोर्टल पर पेंडिंग दिखा रहा है। इसका मतलब हुआ कि नमूने अभी मेडिकल कालेज पहुंचे ही नहीं। मेडिकल कालेज प्रबंधन का कहना है कि दो-तीन दिन बाद नमूने आ रहे हैं। उसके बाद भी पोर्टल अनेक नमूनों को पेंडिंग दिखा रहा है।
वहीं यदि लक्षण नहीं हैं तो संक्रमितों के संक्रमण मुक्त होने का समय एक सप्ताह माना गया है। लेकिन यहां एक सप्ताह तक जांच ही नहीं हो पा रही है। जबकि 72 घंटे के अंदर रिपोर्ट आ जानी चाहिए।
वहीं दूसरी तरफ़ कोरोना जांच के नोडल अधिकारी डा. एसके सिंह ने बताया कि जिस दिन नमूने लिए जाते हैं। उस दिन शाम को कार्यालय पहुंचते हैं। इसके बाद आइडी जेनरेट की जाती है। इसमें एक-दो दिन का समय लग जाता है। लेकिन सभी नमूने जांच के लिए भेजे जाते हैं। यदि कोई नमूना नहीं मिल रहा है तो उसकी खोज की जाएगी।
बता दें कि बीआरडी मेडिकल कालेज माइक्रोबायोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. अमरेश सिंह ने कहा कि जो नमूने हमारे पास आ रहे हैं, उनकी तत्काल जांच कर रिपोर्ट भेज दी जाती है। हमें प्रतिदिन दो हजार नमूने और मिलें तो उनकी भी जांच हो सकती है। लैब टेक्नीशियन की कमी नहीं है। 14 पहले से थे, शासन ने 10 और लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति कर दी है।