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यूपी: वाराणसी में गंगा में कई दिनों से हो रहा था अवैध खनन, वहीं जांच करने अधिकारी पहुंचे तब मौके से सभी हुए फरार।
वाराणसी। रामनगर में गंगा में अवैध खनन की शिकायतों की पड़ताल करने खनन अधिकारी के गंगा घाट पहुंचने की शनिवार को खूब चर्चा रही। महादेव कंस्ट्रक्शन को लाट 07 से 57 हजार 500 घन मीटर का टेंडर दिया गया है। जबकि इसके अतिरिक्त खनन किया जा रहा था। इस बाबत जिला खनन अधिकारी संग स्थानीय पुलिस ने किया घाटों का मुआयना किया।
वहीं रामनगर में खनन अधिकारी, स्थानीय पुलिस के संग नगर के कोदोपुर स्थित गंगा बालू उठान की पड़ताल किया।अवैध बालू खनन की शिकायतें मिलने पर अधिकारी यहां पहुचे थे। शनिवार शाम जिला खनन अधिकारी पारिजात त्रिपाठी व पुलिस के आने की भनक से ही अवैध खनन माफिया भाग निकले। मौके पर एक भी जेसीबी,ट्रैक्टर के अलावा कोई मजदूर नहीं मिला।
वहीं बताते चलें कि काशी के घाटो पर गंगा नदी के दबाव को कम करने व गंगा की नई धारा के लिए 11.95 करोड़ की लागत से बनाये गए नहर का अस्तित्व समाप्त होने के बाद भी घाटों से अवैध खनन की लगातार शिकायतें हो रही थी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जून माह में राजस्व की वसूली के लिए यू पी पी सी एल ने नौ लाट दिये थे।
वहीं दूसरी तरफ़ जिसकी निविदा के बाद पांच लाट को तुरंत एलॉट कर दिया गया था। जबकि लाट संख्या सात के लिए संबंधित कंपनियों से पत्राचार हो रहा था। कंपनी की तरफ से रुपये भी जमा कर दिए हैं। इसलिए महादेव कंस्ट्रक्शन को 21 दिसम्बर से आगामी 15 जून तक 57500 घनमीटर बालू निकालने की अनुमति दी गयी है।
वहीं मात्रा की जांच के लिए कंपनी को ऑनलाइन प्रपत्र भरने होते हैं। उन्होंने बताया कि नहर बनाने के तुरंत बाद बाढ़ आ जाने से खनन का कार्य तीन महीने प्रभावित रहा, साथ ही बालू का उत्खनित टीला रेत की मोटी परत के रूप में बदल गया। खनन करने वाली कंपनियों को एक निश्चित घनमीटर मात्रा में बालू निकालने की अनुमति दी गई है,जो पूर्व के नहर के स्थान वाले जगह से निकाले जा रहे है। खनन अधिकारी ने अवैध बालू खनन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने के पुलिस को पत्र भी लिखा है।