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यूपी: प्रयागराज में गंगा का जलस्‍तर बढ़ने से मचा प्रशासन में हड़कंप, वहीं माघ मेला के कल्‍पवासी शिविरों में घुसा पानी। .

यूपी: प्रयागराज में गंगा का जलस्‍तर बढ़ने से मचा प्रशासन में हड़कंप, वहीं माघ मेला के कल्‍पवासी शिविरों में घुसा पानी। .


प्रयागराज। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कानपुर बैराज से आज गुरुवार को फिर 24 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे पहले वहां से 20 से 22 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। वह पानी प्रयागराज पहुंचकर मेला क्षेत्र के लोगों को परेशानी में डाल दिया है। माघ मेला में गंगा किनारे बसी संस्थाओं के शिविरों में पानी घुस गया है। कल्‍पवासी शिविरों में हड़कंप मच गया है। लोग अपने सामानाें को लेकर इधर-उधर सुरक्षित स्‍थानों पर शरण ले रहे हैं।

वहीं कल्‍पवासी शिविरों में पानी न घुसे, इसके लिए सिंचाई विभाग के इंतजाम नाकाफी है। बालू से पानी रोकने का प्रयास किया गया था लेकिन वह भी बह गया है। सिंचाई विभाग ने जियो ट्यूब से कटान रोकने के लिए टेंडर किया है लेकिन अब तक उन्होंने इसका इस्तेमाल नहीं किया गया है। जबकि जियो ट्यूब का उन्हें पहले ही इस्तेमाल करना चाहिए थे।

वहीं दूसरी तरफ़ सिंचाई विभाग के अफसरों की लापरवाही से पानी लगाातर शिविरों में भर रहा है। उनकी लापरवाही के चलते कल्पवासी जप तप करने के बजाय अपना सामान समेटने में लगे हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने के चलते मेला की बसावट गड़बड़ा गई है। कल्पवासी परेशान हैं, एक तो सर्दी और कोरोना का कहर, उस पर अब गंगा की बाढ़ ने संंकट और बढ़ा दिया है।

वहीं दूसरी तरफ़ त्रिवेणी और कालीमार्ग पर झूंसी की तरफ गंगा किनारे अधिकतर तीर्थ पुरोहितों के शिविर लगाए गए है। इसमें तमाम कल्पवासी बसे थे। अब उनको सेक्टर पांच में शिफ्ट किया जा रहा है। अब तक करीब पांच सौ कल्पवासियों को सेक्टर दो और तीन से सेक्टर पांच में शिफ्ट किया गया है। 

वहीं यह क्रम अभी जारी है। आने वाले दिनों में गंगा का जलस्तर और बढ़ सकता है। इसलिए नदी के किनारे की अन्य संस्थाओं को भी वहां से हटाया जा रहा है। पानी बढ़ने से जल पुलिस की भी सक्रियता बढ़ा दी गई है। स्नान घाट पर लगातार जल पुलिस की टीम निगरानी कर रही है।