UP news
यूपी: वाराणसी में मंडी शुल्क के विरोध में अजय राय ने कहा कि पीएम के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय में ज्ञापन देने जाने पर रोकना निंदनीय कदम। .
वाराणसी। मंडी शुल्क के विरोध में व्यापारियों ने रविवार को बाइक रैली निकालकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपना चाहते थे। लेकिन पुलिस-प्रशासन के सहयोग से उनको रोक दिया गया। पूर्व विधायक अजय राय ने इसे निंदनीय बताया है। व्यापारियों की तकलीफों को सरकार सुनना नहीं चाहती। उन्हें अपनी बात नहीं रखने देना चाहती है। व्यापारियों के संग धक्का-मुक्की करना गलत है।
वहीं उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या लोकतंत्र में अपनी आवाज उठाना गलत है। आखिर व्यपारी अपने सांसद के कार्यालय ही तो जा रहे थे। उन्हें रोकना अमानवीय कृत्य है। इससे यह स्पष्ट होता है की यह सरकार नकारी सरकार है। व्यापारियों के हक आवाज को यह सरकार दबाना चाहती है।
वहीं सरकार जनमानस के नैतिक मूल्यों का हनन कर रही है। यह जनविरोधी सरकार मंडी शुल्क लगाकर व्यपारियों को उत्पीड़ित कर रही है। व्यापार को खत्म करना चाहती है। व्यापारियों की मांग पूर्ण रूप से जायज है। इस सरकार को तत्काल प्रभाव से मंडी शुल्क वापस लेना चाहिए।
वहीं दूसरी तरफ़ मंडी शुल्क से व्यापारियों को दिक्कत होगी। कोरोना के कारण से पहले ही व्यापार चौपट है। अब डेढ़ फीसद शुल्क लगाकर उन्हें और परेशान किया जा रहा है। यह सरकार सिर्फ चंद उद्योगपतियों की सरकार है। यह सरकार नहीं चाहती है कि छोटे, मध्यमवर्गीय,खुदरा व्यपारी व्यापार करें। मंडी शुल्क आखिर क्यों। इस सरकार में तानाशाही का बोलबाला है। जब जो मन हो सरकार कर रही है। व्यापारियों के मुद्दे पर कांग्रेस साथ खड़ी है। उनकी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है।
बता दें कि वहीं महानगर कांग्रेस कमेटी के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि व्यापारियों को संसदीय कार्यालय जाने से रोकना गलत है। मंडी समिति से शुल्क हटाए जाने की मांग कई वर्षों से हो रही है। गत वर्ष सरकार द्वारा मंडी शुल्क हटाए जाने के बाद अब अकस्मात मंडी शुल्क पुनः लगाना सरकार के कुनीति को प्रदर्शित करता है। व्यापारियो संग इस प्रकार का छल अनुचित है। व्यापारियों को बढ़ावा देने के बजाय व्यापारियों को परेशान करना यह उचित नहीं है। कांग्रेस व्यापारियों के संघर्ष में साथ है।