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यूपी: वाराणसी में संगीत समारोह में घरानों ने शास्त्रीय संगीत का साधा 'राग', महोत्सव में भरा धुनों का 'रंग'।
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम यात्रा के तहत केंद्र और प्रदेश के संगीत नाटक अकादमी की ओर से आयोजित चौकाघाट स्थित पद्मविभूषण गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल में आयोजित राग रंग की पहली संध्या में पद्मभूषण पं. साजन मिश्र और उनके सुपुत्र पं. स्वरांश मिश्र ने बनारस घराने के संगीत से श्रोताओं को परिचित कराया।
वहीं इसमें श्रोता शास्त्रीय संगीत की मधुर धुनों से मुग्ध हुए। उन्होंने एकताल में निबद्ध बंदिश सुनाकर सबको रसासिक्त किया। उन्होंने अपनी प्रस्तुति कौन गत भईली रूपक में तराना से शुरू किया। अंतिम प्रस्तुति में उन्होंने जमुना जल सुनाया। तबला पर शुभ महाराज, तानपुरा पर सागर मिश्र, मोहित तिवारी, सारंगी पर विनायकः सहाय ने संगत की।
वहीं इससे पहले ग्वालियर घराने की ख्यात गायिका डा. मीता पंडित और विदुषी सुधा रघुरामन ने गायन की जुगबंदी की। उन्होंने राग तिलक कामोद में तीरथ को सब करे से प्रस्तुति का आरंभ किया। राग भूपाली और दक्षिणी पद्धति में मोहनम राग में जय-जय देव हरे सुना कर भाव विभोर किया। तराना और तिल्लाना से उन्होंने अपनी प्रस्तुति को विराम दिया। तबला पर पं. कुबेर मिश्र, मृदंगम पर एमबी चंदशेखर, हारमोनियम पर पं. धर्मनाथ मिश्र, बांसुरी पर पं. जी रघुरामन, तानपुरा पर राजश्री नाथ ने कुशल संगत की।
वहीं फरूर्खाबाद घराने के पं. अनिन्दो चटर्जी व उनके पुत्र पं. अनुब्रत चटर्जी ने लयकारियों को अनोखा अंदाज पेश किया। उठान, कायदा, रेला की अद्भुत प्रस्तुति दी। सारंगी पर उस्ताद मुराद अली खान ने संगत की। पं. रोनू मजूमदार के बांसुरी वादन व पं. तरुण भट्टाचार्य के संतूर वादन के जुगलबंदी खास रही। तबला पर उस्ताद फजल कुरैशी और उस्ताद अकरम खान ने संगत किया।
वहीं दूसरी तरफ़ इससे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन पर्यटन मंत्री डा. नीलकंठ तिवारी ने किया। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष पद्मश्री डा. राजेश्वर आचार्य ने कहा कि देश की सांस्कृतिक विरासत और परंपरा को संजोए रखना सभी का कर्तव्य है। कला का धर्म शाश्वत है।
वही शाश्वत स्वरूप बाबा की नगरी की जीवंतता का आयाम है। इस दौरान पद्मश्री डा. रजनीकांत, श्रीनिवासन एके, तरुण राज, लवकुश द्विवेदी, डा. सुभाषचंद्र यादव, राजू दास, अतुल सिंह, संजय कुमार आदि थे। संचालन और धन्यवाद ज्ञापन डा. प्रीतेश आचार्य ने दिया।