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यूपी: वाराणसी में डीएम ने बताया कि वोटिंग में सबकी जिम्मेदारी होगी अहम, वहीं बूथ पर आइए सुरक्षा का रहेगा मुकम्मल इंतजाम। .
वाराणसी। 25 जनवरी 1950 को भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई थी। वर्ष 2011 में इसे राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। मूलउद्देश्य मतदाताओं के पंजीकरण में वृद्धि करना, विशेषकर युवा मतदाताओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार सुनिश्चित करना है। कोविड संक्रमण से बचाव बीच इस दिवस को मनाने का क्या खाका जिले में खीचा गया है।
वहीं इस दिवस का महत्व इस बार इसलिए ज्यादा है क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव की तिथि घोषित है और सात मार्च को वाराणसी में मतदान होने हैं। लोकतंत्र को प्रभावी बनाने के लिए यह सबकी जिम्मेदारी है कि मतदान करें। सरकारी सभी दफ्तरों में मतदान को लेकर शपथ दिलाने का कार्यक्रम तय है। साथ ही सभी बूथ पर बीएलओ मतदाताओं को शपथ दिलाएंगे, पर्ची देंगे और मतदाता भी बनाएंगे।
वहीं वाराणसी में अब तक 58 फीसद मतदाताओं की वोटिंग में भागीदारी रही है। यह चिंता की बात है। कलंक भी है। इसको इस बार समाप्त करना है। जिले के आठों विधानसभा में सबसे कम वोटिंग वाले 100-100 बूथों को चिह्नित किया गया है। एक फरवरी से इन बूथों पर विशेष अभियान चलेगा। अधिकारी मतदाताओं के घर घर जाकर वोटिंग की पर्ची देंगे और मतदान के लिए अपील करेंगे।
वहीं दूसरी तरफ़ प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया, एफएम चैनल आदि के जरिए लोगों को वोट के लिए अपील की जा रही है। शहर के धर्मगुरुओं, चर्चित खिलाड़ी, कलाकार आदि से अपील करायी जा रही है। साथ ही सभी व्यावसायियों के वाट्सएप ग्रुप पर अपील की जा रही है। वोट देने बूथ पर आएं।
वहीं कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह पालन होगा। बिना भय के वोट करें। सुरक्षा का मुकम्मल प्रबंध प्रशासन करेगा। इस बार एक घंटे अधिक वोट करने का मौका दिया जा रहा है। वोटिंग के बाद सभी अपने अपने ग्रुप पर अंगुली में लगी हुई स्याही के साथ अपनी तस्वीर साझा करें। साथ ही जो न साझा करें इस ग्रुप से जुड़े विशेष लोग अपने दायित्व को निभाते हुए अपील कर वोट के लिए भेजने की सिफारिश करें। वोट करना व कराना सभी की जिम्मेदारी व दायित्व है।