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यूपी: वाराणसी में रविदास जयंती के लिए टेंट लेने लगे आकार, सीरगोवर्धनपुर में जगह-जगह तैयारी में जुटे कारीगर।
वाराणसी। श्री गुरु रविदास मंदिर जन्मस्थान सीरगोवर्धनपुर में संत रविदास जयंती की तैयारी काफी तेज हो गई हैं। श्रद्धालुओं के ठहरने और लंगर के लिए टेंट आकार लेने लगा है।जगह जगह कारीगर अपने अपने कामों में लग गए हैं। प्रशासन की तरफ से श्रद्धालुओं के लिए पानी और अस्थायी शौचालय की व्यवस्था की जा रही है।
वहीं बरसात को देखते हुए पंडाल की तरफ जाने के लिए मनरेगा की सड़क को बनाया जा रहा है जिससे आने जाने की समस्या न हो। साफ सफाई के लिए नगर निगम के सफाई कर्मी मंदिर के आसपास और रास्ते पर सफाई में लगे हुए हैं। मंदिर प्रबंधन की तरफ से मौसम और चुनाव के साथ ही कोरोना को देखते हुए पिछली जयंती की तरह ही श्रद्धालुओं की संख्या भी कम रहेगी और उसी के अनुरूप पंडालों में व्यवस्था की जा रही है।
वहीं जयंती की तैयारी के लिए तीन फरवरी को पंजाब और हरियाणा से सेवादारों का पहला जत्था आने वाला है जिसके बाद तैयारी तेज हो जाएंगी। ट्रस्टी के एल सरोये तथा मैनेजर रनवीर ने बताया कि लगभग 25 पंडालों को वाटरप्रूफ बनाकर रहने लायक बना दिया गया है।
वहीं इसके अलावा लंगर हाल के लिए भी तीन पंडाल और रसोइयों का काम तेजी से किया जा रहा है। टेंट के पास बंगाल के कारीगर तिरपाल की सिलाई और पर्दे की सिलाई के साथ ही उनको बनाने में लगे हैं। मंदिर के अंदर कारीगर पेंटिंग और सजावट के साथ ही साफ सफाई में लगे हैं।
वहीं बरसात के कारण पंडाल की तरफ जाने वाले मार्ग पर कीचड़ की समस्या को देखते हुए मंदिर प्रबंधन की तरफ से मांग की गई थी कि मनरेगा वाली सड़क को पक्का कर दिया जाय।एडीएम सिटी ने निरीक्षण के बाद 265 मीटर सड़क पर ब्रिक्स लगाने के आदेश दिए।पंडाल तक सड़क भी बनकर तैयार हो गई। बरसात के बाद भी अब श्रद्धालुओं को आने जाने की समस्या नहीं होगी और न ही संत निरंजन दास का काफिला जाने में दिक्कत होगी।
वहीं मंदिर के प्रमुख संत निरंजन दास अपने भक्तों और संतो के साथ 13 फरवरी को जालंधर ,पंजाब से रवाना होंगे और 14 फरवरी को काशी पहुंचेंगे । वापसी 18 फरवरी को स्पेशल ट्रेन के पंजाब रवाना होंगे।