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यूपी: वाराणसी के टिकरी के सामने गंगा पर बना पीपा पुल चालू होने से दूधिया और किसानों को मिली बड़ी राहत।
वाराणसी। टिकरी गांव के सामने से रैपुरिया घाट पर गंगा में बने पीपापुल से आवागमन शुरू होने के बाद वाराणसी और मिर्जापुर के दूधिया तथा किसानों के साथ ही काम करने वाले मजदूरों को काफी राहत मिलेगी। आसपास के गांवों में रहनेवाले युवा पीपा पुल पर मस्ती और सेल्फी लेने आ रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ गंगा इस तरफ के नरोत्तमपुर, तारापुर , टिकरी और रमना सहित कई गांव के किसानों और दूधियों को अपनी सब्जी और दूध लेकर इस पार से गंगा उस पार अदलहाट, अहरौरा, नरायनपुर, चुनार जाने के लिए दूरी काफी कम हो जाएगी। पीपापुल शुरू होने के बाद सैकड़ों की संख्या में लोगों का आवागमन शुरू हो गया है।
वहीं क्षेत्र के किसानों का कहना है कि सब्जी अनाज और दूध के लिए एक नया बाजार तैयार हो जाएगा और समय की बचत के साथ ही दूरी भी कम हो जाएगी। टिकरी घाट के किनारे लोगों ने गुमटी और ठेले पर चाय पान की दुकानें भी शुरू कर दी है। टिकरी से रैपुरिया जाने वाले पुल के पहले एक बैरियर भी लगाया है।
वहीं पीपा पुल पर आवागमन शुरू होने से जिले में काफी संख्या में काम करने वाले मजदूर और किसानों को बाइपास से नारायणपुर तक लगने वाले जाम से मुक्ति के साथ ही पेट्रोल की बचत भी होगी। अभी ज्यादा लोगों को पता नहीं होने के कारण बाइक और साइकिल के साथ ही पैदल आने जाने वाले ज्यादा हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ लोक निर्माण विभाग की तरफ से पीपापुल की देखभाल करने के लिए दिनेश चौधरी ने बताया कि बालू वाले रास्ते पर तीन लाइन लोहे की प्लेट बिछाई गई है। चार पहिया वाहन से लोगों का आवागमन कम है। टिकरी के पूर्व प्रधान सुशील कुमार सिंह कक्कू ने बताया कि सामनेघाट से पीपापुल हटने के बाद गांव के लोग यहां पुल बनने से काफी खुश हैं।
वहीं इसके दो वर्ष पहले बेटावर घाट से गांगपुर चुनार को जोड़ने के लिए पीपापुल चालू किया गया था। बेटावर में पीपापुल के पहले नाव दुर्घटना में डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हुई थी जबकि पिछले महीने में टिकरी की रहनेवाली तीन लड़कियां हादसे में गंगा में समा गईं जिसमें एक लड़की का ही लड़की का शव बरामद हो पाया जबकि दो का पता नही चल पाया ।