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यूपी: वाराणसी में पुर्नजन्‍म और मोक्ष की होगी अब पढ़ाई, हिंदू स्टडी के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय ने लिखा पत्र।

यूपी: वाराणसी में पुर्नजन्‍म और मोक्ष की होगी अब पढ़ाई, हिंदू स्टडी के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय ने लिखा पत्र।


वाराणसी। राजभवन की स्वीकृति के अभाव में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अब तक एमए हिंदू स्टडी नामक कोर्स शुरू नहीं हो सका है। जबकि विश्वविद्यालय की विद्या परिषद व कार्यपरिषद ने इस पाठ्यक्रम को शुरू करने की करीब छह माह पहले ही स्वीकृति दे चुकी थी। इसे देखते हुए कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल को स्मरण पत्र लिखा है। 

वहीं कुलपति की ओर से राजभवन भेजे गए पत्र में कहा गया कि एमए (हिंदू स्टडी) कोर्स की अब तक स्वीकृति न मिलने के कारण दाखिले की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है। कुलपति ने कुलाधिपति ने कोर्स संचालित करने के लिए अनुमति देने का अनुरोध किया है ताकि विश्वविद्यालय में एमए (हिंदू स्टडी) नामक काेर्स शुरू किया जा सके।

वहीं दूसरी तरफ़ कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने रोजगारपरक कई पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। इसमें एमए (हिंदू स्टडी), स्नातक व स्नातक, स्नातकोत्तर व डिप्लोमा स्तर पर योग पाठ्यक्रम डिप्लोमा पाठ्यक्रम शामिल है। गत 11 नवंबर 2021 को विद्यापरिषद इन पाठ्यक्रमों की स्वीकृति भी प्रदान कर दी। 

वहीं इस क्रम में कार्यपरिषद की स्वीकृति मिल चुकी है। उन्हाेंने बताया कि दो वर्षीय स्नातकोत्तर स्तर के हिंदू अध्ययन पाठ्यक्रम चार सेमेस्टर में होगा। इसमें हिंदू धर्म के वैशिष्टय व परंपरा पर आधारित भारतीय दर्शन, शास्त्र, वेद-पुराण, रामायण, महाभारत, भाषा विज्ञान, सैन्य विज्ञान साहित अन्य पाठ्य सामग्री शामिल किया गया है। इसी प्रकार योग में डिप्लोमा के अलावा शास्त्री (बीए) योग, आचार्य (एमए) योग पाठ्यक्रम भी सेमेस्टर सिस्टम लागू होगा।


1. प्रथम सेमेस्टर में संस्कृत परिचय, प्रमाण-सिद्धांत, वादपरम्परा तथा उनकी परम्पराएं व तत्वविमर्श। 

2. द्वितीय सेमेस्टर में विमर्श की पाश्चात्य प्रविधि, धर्म एवं कर्म विमर्श, वैदिक परम्परा के सिद्धांत, जैन परम्परा के सिद्धांत या बौद्ध परम्परा के सिद्धांत। 

3. वैकल्पिक विषय : वेदांग-शिक्षा, व्याकरण, निरुक्त, संकल्प, ज्योतिष, पाली, साहित्य, प्राकृत व साहित्य।

4. तृतीय सेमेस्टर में पुनर्जन्म बंधन, मोक्षविमर्श, रामायण। 

5. वैकल्पिक : लोकवार्ता, भारतीय नीति शास्त्र, नाट्यम, तुलनात्मक धर्म। 

6. चतुर्थ सेमेस्टर में महाभारत। 

7. वैकल्पिक : पुराण परिचय, भारतीय स्थापत्य, पाणिनीय एवं पाश्चात्य भाषा विज्ञान, साहित्य सिद्धांत, भारती।