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यूपी: वाराणसी गणतंत्र दिवस अवसर पर बीएचयू के कुलपति ने किया ध्वजारोहण , विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों से मालवीयजी की संकल्पना को आगे ले जाने का आह्वान।
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आज देश का 73वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास एवं उत्साह के साथ मनाया गया। मुख्य कार्यक्रम विश्वविद्यालय के एंफिथिएटर मैदान पर हुआ, जहां कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर कुलगुरु प्रो. वीके शुक्ला, कुलसचिव डॉ. नीरज त्रिपाठी समेत विभिन्न संस्थानों के निदेशक, संकायों के प्रमुख, विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारीगण व छात्र उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों को अपने संबोधन में कुलपति प्रो. एस के जैन ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के पीछे महामना मदन मोहन मालवीय जी के उद्देश्य को वर्तमान संदर्भ में देखने की ज़रूरत है।
वहीं उन्होंने कहा कि महामना मानते थे कि अगर देश को सही मायनों में गुलामी की जंज़ीरों से मुक्त कराना है तो देश के युवाओं को शिक्षित करना होगा, उनका बौद्धिक एवं शैक्षणिक विकास करना होगा और इस विचार के साथ महामना ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय जैसे महान संस्थान की स्थापना की। प्रो. जैन ने महामना के विचार को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में रख कर विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों का आह्वान किया कि वे मालवीय जी के उद्देश्य को आगे लेकर जाएं।
वहीं बदलते विश्व और नित परिवर्तनीय दौर के अनुरूप चुनौतियां भी बदल रही हैं और ऐसे में विश्वविद्यालयों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई है। प्रो. जैन ने कहा कि चाहे आर्थिक प्रगति का विषय हो या रक्षा क्षेत्र हो, विज्ञान हो या प्रौद्योगिकी, उद्योग हों या मानवता के विकास के लिए कल्याणकारी तकनीकों का विकास, सभी क्षेत्रों में विश्वविद्यालय बड़ी भूमिका निभाते हैं।
वहीं ऐसे में ये अत्यंत आवश्यक है कि हम अनावश्यक व छोटे-मोटे विषयों पर अपनी ऊर्जा व समय बर्बाद न कर बड़े लक्ष्यों पर अपना ध्यान केन्द्रित करें। कुलपति ने कहा कि आज हम भारत के 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर यह संकल्प लें कि विश्वविद्यालय को शोध, अनुसंधान, नवोन्मेष व नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ा कर अपने छात्रों का बौद्धिक एवं शैक्षणिक विकास करें एवं देश व समाज के विकास व उत्थान के पथ पर नई रफ्तार पकड़ें।
वहीं वर्तमान में चल रही कोरोना महामारी से उदाहरण लेते हुए प्रो. जैन ने कहा कि जिस प्रकार क्वारंटाइन कर स्वयं को और अपने आसपास के लोगों को संक्रमण व खतरे से बचाने की कोशिश की जाती है, उसी तरह आइये मिलकर विश्वविद्यालय को भी विभिन्न प्रकार की बुराइयो व समस्याओं से सुरक्षित रखने की कोशिश में जुट जाएं।
वहीं 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में गणतंत्र दिवस 2022 अलंकरण समारोह का भी आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के केन्द्रीय कार्यालय स्थित समिति कक्ष दो में आयोजित समारोह में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक सत्र 2020 21, महामना संस्कृत पुरस्कार सत्र 2021 22, मेजर एसएल दर स्वर्ण पदक सत्र 2021 22, मेजर एसएल दर. रजत पदक सत्र 2021 22 तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन द्वारा सम्मानित किया गया।
वहीं अलंकरण समारोह के दौरान अपने संबोधन में प्रो. जैन ने कहा कि बीएचयू इतना विशाल संस्थान है और यहां बहुत बड़ी संख्या में लोग कार्यरत हैं। ऐसे में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित करना एक महत्वपूर्ण एवं सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर ये प्रयास किया जाएगा कि अन्य श्रेणियों में भी अच्छा, निष्ठापूर्वक एवं प्रेरणादायक कार्य करने वाले कर्मचारियों की पहचान की जा सके ताकि उनका तो प्रोत्साहन हो ही अन्य कर्मचारियों का भी उत्साहवर्धन हो।
वहीं दूसरी तरफ़ गणतंत्र दिवस कार्यक्रमों की शुरुआत मालवीय भवन में कुलपति जी द्वारा ध्वजारोहण के साथ हुई। कुलपति ने अंतरराष्ट्रीय छात्रावास में भी ध्वजारोहण किया एवं छात्रावास कर्मचारियों व छात्रों को संबोधित किया और गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं।
वहीं कुलसचिव डॉ. नीरज त्रिपाठी ने केंद्रीय कार्यालय पर ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर वित्ताधिकारी डॉ. अभय ठाकुर, केन्द्रीय कार्यालय के विभिन्न वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे। अपने संबोधन में कुलसचिव ने परतंत्रता की जंज़ीरों से गणतंत्र बनने की भारत की गौरव यात्रा में योगदान करने वाले अमर बलिदानियों को याद किया।
वहीं उन्होंने विश्वविद्यालय कर्मचारियों का आह्वान किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में अपने गणतंत्र के प्रति अपनी निष्ठा पर कर्तव्य का निर्वहन करते हुए मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें। गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न संस्थानों, संकायों तथा छात्रावासों में निदेशों, संकाय प्रमुखों व छात्रावास प्रशासकों द्वासा ध्वजारोहण किया गया एवं गणतंत्र दिवस मनाया गया।