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यूपी: वाराणसी में बारिश की रिमझिम फुहार के बीच पद्मश्री सोमा घोष ने सुरों से बहाई रसधार।

यूपी: वाराणसी में बारिश की रिमझिम फुहार के बीच पद्मश्री सोमा घोष ने सुरों से बहाई रसधार।

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वाराणसी। बारिश की रिमझिम फुहार के बीच पद्मश्री डा. सोमा घोष ने छावनी स्थित एक होटल में सुरों की ऐसी रसधार बहाई की श्रोता मुग्ध हो उठे। मौका था आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित संगीत से सदभाव का। उन्होंने अपने प्रस्तुति की शुरुआत राग कलावती से किया। पहली प्रस्तुति में उन्होंने दर्शन दीजो श्याम से भगवान श्रीकृष्ण को मंच से प्रणाम किया। 

वहीं उसके बाद छोटा ख्याल सुनाया। जिसके बोल जिया नहीं माने न माने थे। इसके बाद तराना की प्रस्तुति दी। उसके बाद बागेश्वरी देवी का गाया गीत दादरा की प्रस्तुति दी। जिसके बोल जाओ कान्हा करो न मोसे रार थे। अंतिम प्रस्तुति में उन्होंने श्रोताओं की फरमाइश पर गजल सुनाया। जिसके बोल फैसले ऐसे न होंगे ये कभी सोचा न था।  

वहीं दूसरी तरफ़ तबला विवेक मिश्र, हारमोनियम पर पंकज मिश्र, वायलिन पर सुखदेव मिश्र, कीबोर्ड पर संतोष कुमार ने कुशल संगत किया। इससे पहले संगीत संध्या में श्रोताओं ने दुर्जय भौमिक (तबला), सुखदेव प्रसाद मिश्रा (वायलिन), अंकित पारिख (पखावज) की त्रिबंदी में राग यमन का अलाप, जोड़, झाला की प्रस्तुति से आनंदित हुए। तीनों कलाकारों ने राग पीलू सुनाकर मंच को प्रणाम किया। 

वहीं इस दौरान विनय जैन, अशोक अग्रवाल, अरविंद शुक्ला, विनोद अग्निहोत्री, श्याम कृष्ण अग्रवाल, राजेंद्र कुमार गुप्ता, संजय गुप्ता, सुरेश पेशवानी, प्रफुल्ल राय थे। इस संगीत संध्या में आनलाइन भी सैकड़ों लोग आनलाइन जुड़े रहे। संचालन सौरभ चक्रवर्ती, धन्यवाद सुरेंद्र मिश्र ने दिया।