वाराणसी। एक सप्ताह पहले चाइनीज मांझा का शिकार हुए रिटायर्ड एसडीओ और शायर ओवैस अंसारी 65 वर्ष की शनिवार को मौत हो गयी। परिजनों का आरोप है कि चाइनीज मांझा से चोटिल होने की वजह से वह सदमे थे। नगर क्षेत्र के गोलाघाट निवासी ओवैस को सुबह सीने में तेज दर्द उठा था। उन्हें वाराणसी स्थित एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
वहीं आठ जनवरी को लंका से घर आते हुए ओवैस अंसारी सामनेघाट पुल पर चाइनीज मांझा की चपेट में आ गए। जब तक संभलते तब तक उनका नाक व गाल कट गया था। इलाज के बाद परिजन उनको घर ले आए थे। मांझा से चोटिल होने की वजह से काफी खून निकला था इससे वह सदमे थे। उनका दो बार हार्ट का आपरेशन हुआ था।
वहीं ओवैस अंसारी की मौत पर इलाके में गम का माहौल है। वो सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे।अच्छे शायरों में भी उनकी गितनी होती थी। उनकी मौत के सदमे से पत्नी बिलकिस बानो जहां बेसुध हो जा रही थी वहीं बेटा तौसीफ अहमद का रो-रोकर बुरा हाल है। तीन बेटियों में दो की शादी हो गई है।
वहीं एक दिन पहले ही चाइनीज मांझा की चपेट में आने से बरेका कर्मी घायल हो गए थे। बरेका में इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्शन इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत पंकज पांडेय गुरुवार की शाम ड्यूटी जाने के लिए बृजइंक्लेव स्थित आवास से बाइस से निकले समय ककरमत्ता आरओबी पर चाइनीज मांझा ने उनकी गर्दन को रेत दिया।
वहीं मीरजापुर के आदर्श नगर पंचायत कछवा के मंगरवारी वार्ड निवासी अंकुर केशरी 22 वर्ष पैदल अपने घर जा रहा था। इसी दौरान एक उड़ती पतंग की डोर उसके गले में जा फंसी।
वहीं जब तक संभलते तब तक मांझे ने गला रेत दिया और तेजी से खून बहने लगा। चाइनीज मांझा से आए दिन घटनाएं हो रही हैं। राहगीर इसके शिकार हो रहे हैं। किसी का गला कट रहा तो किसी की नाक। रोक के बावजूद चाइनीज मांझा की बिक्री पर रोक नहीं लग पा रही है। पुलिस की तरह से कभी-कभार कार्रवाई होती है लेकिन नाकाफी साबित होती है। पंतगबाजों को यह जानलेवा मांझा आसानी से मिल जाता है।