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यूपी: वाराणसी में कांग्रेस नेता अजय राय को जान से मारने के खतरे को लेकर पुलिस ने उनको किया हाउस अरेस्ट।
वाराणसी। पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अजय राय की जान को खतरा है। इसे देखते हुए पुलिस ने उनके घर से निकलने पर रोक लगा दिया है। शुक्रवार की सुबह अजय राय को उनके चेतगंज स्थित आवास पर हाउस अरेस्ट कर दिया गया। घर के बाहर भारी पुलिस फोर्स लगा दी गई है।
वहीं इस संबंध में अजय राय ने मीडिया को बताया कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से घर से बाहर न निकलने की बात कही है। उन्हें हाउस अरेस्ट पर रखा गया है। अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या में जेल में बंद माफिया विधायक मुख्तार अंसारी आरोपित है। बीते सप्ताह स्थानीय एमपीएमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई थी। अजय राय को सुरक्षा की मांग की थी। अजय राय पिंडरा विधानसभा क्षेत्र से पहले भाजपा से व बाद में कांग्रेस से विधायक रहे। एक बार फिर कांग्रेस ने उन्हें पिंडरा से प्रत्याशी घोषित किया है।
वहीं इस संबंध में एडीसीपी वरुणा जोन प्रबल प्रताप सिंह का कहना है कि पुलिस सुरक्षा को लेकर उनसे बात करने गई थी। कैसे उन्हें चुनावों के दौरान सुरक्षा प्रदान की जाए। हाउस अरेस्ट जैसी बात के आरोप निराधार हैं। वहीं चेतगंज प्रभारी परमहंस गुप्ता का भी कहना है कि अजय राय ने कई लोगों पर मुकदमा दर्ज करा रखा है और उनके खिलाफ भी कई मामले दर्ज हैं। इसलिए हम सुरक्षा की दुष्टि से सतर्कता बरत रहे हैं।
वहीं पुलिस सुबह कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राजेश्वर पटेल के घर पर भी पहुंची। उनसे रेलवे की परीक्षा को लेकर एनएसयूआइ के आंदोलन के विषय में पूछताछ की। उन्होंने एनएसयूआइ के साथ किसी आंदोलन की बात से इन्कार किया। जानकारी के मुताबिक महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, राजीव सिंह, राजीव सिंह, महिला कांग्रेस व फ्रंटल संगठन के घरों पर पुलिस ने पहरा बढ़ा दिया है। एनएसयूआइ के कुछ छात्र एक दिन पूर्व मलदहिया चौराहे पर धरना देने पहुंचे थे। पुलिस ने छात्र नेताओं को पकड़ कर थाने ले गई जिन्हें बाद में हिदायत देकर छोड़ दिया गया।
वहीं दूसरी तरफ़ कांग्रेस नेता अजय राय को हाउस अरेस्ट करने के मामले में अंदरखाने में चर्चा है कि उन्हें भाजपा में शामिल करने के लिए शासन-प्रशासन दबाव बना रहा है। आज अजय राय वाराणसी में कांग्रेस के सबसे मजबूत आधार हैं। वह अगर भाजपा में आ जाएं तो पार्टी को विधानसभा चुनाव में बड़ा राजनीतिक लाभ होगा। वह पूर्व भाजपाई भी हैं। पूर्व में सांसद पद के प्रत्याशी को लेकर उनकी पार्टी से दूरियां बढ़ीं और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए।
वहीं तीन अगस्त 1991 को अवधेश राय के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी गई थी। अवधेश के भाई पूर्व विधायक अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम व राकेश न्यायिक समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। चेतगंज पुलिस द्वारा आरोप पत्र दायर होने के बाद मुख्तार अंसारी के ऊपर आरोप निर्धारित किए।
वहीं अहम गवाह अजय राय का अदालत में बयान व बचाव पक्ष द्वारा जिरह की कार्रवाई चल रही थी। बाद में मुकदमा सुनवाई के लिए इलाहाबाद स्थित विशेष न्यायालय में स्थानांतरित हो गई। सुरक्षा न मिलने के कारण अजय राय गवाही करने के लिए अदालत नहीं आ पा रहे थे। उक्त मुकदमे की त्वरित सुनवाई का हाईकोर्ट ने आदेश दिया।
वहीं अजय राय ने मुख्तार अंसारी से जान का खतरा बताते हुए गवाही देने के लिए अदालत में हाजिर होने के लिए पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने की अपील की। अदालत ने उनके प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए पूर्व विधायक को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश पुलिस कमिश्नर को दिया है।