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यूपी: आरएलडीए ने उत्तर पूर्व रेलवे के वाराणसी मंडल में आवासीय भूखंड को पट्टे पर देने के लिए नीलामी के लिए हुए आमंत्रित।

यूपी: आरएलडीए ने उत्तर पूर्व रेलवे के वाराणसी मंडल में आवासीय भूखंड को पट्टे पर देने के लिए नीलामी के लिए हुए आमंत्रित।

                                 S.K. Gupta Reporter

वाराणसी। रेल मंत्रालय, भारत सरकार के तहत प्रमुख वैधानिक निकाय, रेल भूमि विकास प्राधिकरण उत्तर प्रदेश में उत्तर पूर्व रेलवे एनईआर के वाराणसी मंडल के तहत झूसी (प्रयागराज) में आवासीय विकास के उद्देश्य से 70,606 वर्गमीटर भूमि के खाली भूखंड को पट्टे पर देने के लिए बोलियां आमंत्रित की है।

वहीं आवासीय विकास के लिए प्रस्तावित स्थल का आकार आयताकार है और रेल, सड़क और वायु के व्यापक नेटवर्क से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यह प्रयागराज हवाई अड्डे से लगभग 25 किलोमीटर दूर है, जबकि झूसी रेलवे स्टेशन, प्रस्तावित स्थल के ठीक सामने स्थित है। इस साइट तक पहुंच बेहद सुविधाजनक है। 

वहीं सामने की वर्तमान सड़क 12 मीटर चौड़ी है, जिसे आगे 24 मीटर तक चौड़ा करने का प्रस्ताव है। यह भूखंड पश्चिम में सिविल लाइन बस डिपो, पूर्व में निष्ठा अस्पताल, दक्षिण में झूसी रेलवे स्टेशन और उत्तर की ओर कम ऊंचाई वाले आवासीय भवनों जैसे प्रमुख स्थलों से घिरा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ़ आरएलडीए के वाइस-चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा ने कहा कि झूसी नवपाषाण काल की उत्पत्ति वाला ऐतिहासिक महत्व का स्थान है। यह शहर गंगा नदी के पार स्थित है और आज शास्त्री पुल के माध्यम से प्रयागराज से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जैसे-जैसे वाणिज्यिक गतिविधियां बढ़ रही हैं, बुनियादी ढाँचा भी दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। आज झूसी में मुख्य रूप से आवासीय अपार्टमेंट, भूखंड और इंडिपेंडेंट हाउस शामिल हैं। रियल एस्टेट क्षेत्र में शुरुआत करने के लिए यह एक उत्कृष्ट और सबसे अनुकूल स्थान है।

वहीं फ्लोर स्पेस इंडेक्स एफएसआई की पेशकश की जा रही है जो पूरे प्लॉट के आकार के लिए 1.50 है। इस साइट का आरक्षित मूल्य 99 साल की लीज अवधि के लिए 79.40 करोड़ रुपये आंका गया है। ऑनलाइन प्री-बिड मीटिंग 20.12.2021 को आयोजित की गई थी जिसमें प्रमुख राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर के डेवलपर्स ने भाग लिया था। ई-बोली जमा करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी, 2022 है।

वहीं दूसरी तरफ़ रेल भूमि विकास प्राधिकरण आरएलडीए रेलवे भूमि के विकास के लिए रेल मंत्रालय के तहत एक वैधानिक प्राधिकरण है। इसके विकास योजना के तहत चार प्रमुख अधिदेश हैं, यथा वाणिज्यिक स्थलों को पट्टे पर देना, कॉलोनी पुनर्विकास, स्टेशन पुनर्विकास और बहु-कार्यपरक परिसर आदि है।