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यूपी: कुत्‍ते के मुंह में उंगली डाल देती थी शिवांगी, 'राफेल रानी' की मां ने सुनाए फाइटर पायलट बेटी के बचपन के किस्‍से।

यूपी: कुत्‍ते के मुंह में उंगली डाल देती थी शिवांगी, 'राफेल रानी' की मां ने सुनाए फाइटर पायलट बेटी के बचपन के किस्‍से।


वाराणसी। बचपन से ही शिवांगी बहुत साहसी थी। समझाने और मना करने पर भी कुत्ते के मुंह में अंगुली डाल देना, पेड़ पर चढ़ जाने में भी नहीं डरती थी। उसमें आगे रहने की जिद थी। इसी का परिणाम था कि बीएससी की पढ़ाई के साथ बास्केटबाल, जेवलिन थ्रो में कड़ी मेहनत की और नेशनल लेवल तक की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। 

वहीं इतना ही नहीं उसी दौरान एनसीसी कैडट के रूप में गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया। ये कहानी उस शिवांगी की है जो इस बार गणतंत्र दिवस पर बुधवार को राजपथ पर परेड में निकली भारतीय वायुसेना की झांकी में देश की पहली महिला राफेल लड़ाकू विमान पायलट के रूप में हिस्सा लेकर देश ही नहीं काशी का भी नाम रोशन कर दिया है। शिवानी की उपलब्धियों को उसकी मां सीमा सिंह ने दैनिक जागरण प्रतिनिधि से साझा किया।

वहीं दूसरी तरफ़ शिवांगी की उपलब्धि से फुलवरिया स्थित उसके परिवार में खुशी की लहर है। पूरा परिवार उसकी उपलब्धियों को सुनाते हुए अघाता नहीं है। उसके बचपन तक की उपलब्धियों को गिना रहे हैं। शिवांगी वायु सेना की झांकी का हिस्सा बनने वाली दूसरी महिला लड़ाकू विमान पायलट हैं। पिछले साल फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ वायु सेना की झांकी का हिस्सा बनने वाली 

वहीं दूसरी तरफ़ देश की पहली महिला लड़ाकू विमान पायलट थीं। गणतंत्र दिवस के मौके पर शिवांगी सिंह की तस्वीर को कोट करते बड़े बिजनेसमैन महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने लिखा ''आपने उन्हें दिखा दिया शिवांगी! आप हमारी राफेल रानी हो। शिवांगी विंग कमांडर अभिनंदन के साथ भी रह चुकी हैं।

वहीं हाईस्कूल और इंटरमीडिटएट में टापर शिवांगी ने सनबीम कालेज भगवानपुर से बीएससी और बीएचयू में एनसीसी प्रशिक्षण लिया। बीटेक में हाई रैंक को छोड़ 2017 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुईं। वह महिला लड़ाकू विमान पायलटों के वायुसेना के दूसरे बैच में शामिल हुई थीं। राफेल उड़ाने से पहले मिग-21 बाइसन विमान उड़ा चुकी हैं। पंजाब के अंबाला स्थित वायु सेना के गोल्डन ऐरोज स्क्वांड्रर का हिस्सा हैं।

वहीं शिवांगी के पिता कुमारेश्वर सिंह टूर एंड ट्रैवेल्स के साथ ही ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करते हैं। भाई मयंक पढ़ाई कर रहा है। मां सीमा गृहिणी हैं। दादा नरेंद्र नाथ सिंह बताते हैं कि हम भले ही छावनी की बाउंड्री के पास रहते हैं लेकिन हमारे परिवार में तो कोई नहीं लेकिन शिवांगी के नाना कर्नल विभूति नारायण सिंह सेना में थे।