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यूपी: वाराणसी बीएचयू अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर के के गुप्ता पर मारपीट का आरोप लगाते हुए स्टाफ नर्सों का धरना रहा जारी।

यूपी: वाराणसी बीएचयू अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर के के गुप्ता पर मारपीट का आरोप लगाते हुए स्टाफ नर्सों का धरना रहा जारी।

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वाराणसी। चिकित्सा विज्ञान संस्थान काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर के के गुप्ता पर मारपीट का आरोप लगाते हुए अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ शनिवार की दोपहर से ही इमरजेंसी वार्ड के बाहर धरने पर बैठीं हैं। उनकी मांग है कि चिकित्सा अधीक्षक इस्तीफा दें या कुलपति उनके बीच आकर एमएस पर कार्रवाई का भरोसा दे। 

वहीं इस मांग को लेकर नर्सिंग स्टाफ पूरी रात भी धरने पर बैठे रहे। रविवार की सुबह 10:00 बजे तक धरना जारी रहा। हालांकि इस बीच विश्वविद्यालय स्तर के कोई भी अधिकारी नर्सों के बीच नहीं पहुंचा। इसके कारण उनका आक्रोश और बढ़ गया है। बीएचयू सर सुंदरलाल अस्पताल के शताब्दी सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक स्थित इमरजेंसी वार्ड में एक स्टाफ नर्स अरविंद ने चिकित्सा अधीक्षक पर मारपीट का आरोप लगाया था। 

वहीं यह आरोप लगाते हुए व्हाट्सएप के माध्यम से अन्य सभी स्थापना उसको इमरजेंसी वार्ड में बुला लिया गया। इमरजेंसी वार्ड या अन्य वार्ड में भर्ती मरीजों की उनकी स्थिति पर छोड़कर सभी एकत्रित हो गए। इधर स्टाफ नर्स प्रदर्शन में मस्त रहै, उधर मरीज इलाज के अभाव में पूरी तरह परेशान हो गए। इस बीच अस्पताल प्रशासन ने पूरे घटनाक्रम का सीसीटीवी फुटेज खंगाला। इससे साफ पता चल रहा है एमएस ने मारपीट नहीं की, बल्कि स्टाफ नर्स पहले से ही किसी मरीज व परिजन के साथ उलझ रहा था। 

वहीं मरीजों और स्टाफ नर्स के बीच मारपीट तक की नौबत आ गई थी। इसी बीच चिकित्सा अधीक्षक अस्पताल के निरीक्षण में निकले थे। जब इमरजेंसी वार्ड में हो हंगामा हो रहा था तो वहां पहुंच गए। किसी तरह मामले को शांत कराया। इसके बाद स्टाफ नर्स पर कड़ाई से पेश आते हुए मरीज के उपचार कराने के लिए निर्देश दिए। इस दौरान एमएस ने खुद स्ट्रेचर को आगे बढ़ाने के लिए कहा और स्टाफ नर्स के पीठ पर पर हाथ रखा। 

वहीं दूसरी तरफ़ इसी मामले को तूल पकड़ आते हुए मारपीट का रूप दिया गया और पूरी प्लानिंग के साथ अस्पताल की व्यवस्था बाधित करने के लिए बवाल शुरू हो गया। अधिकारियों का कहना है कि यह पूरी तरह से साजिश है। अस्पताल प्रशासन तो एक बड़े घटनाक्रम को बचाने में आगे था। खैर स्टाफ नर्स का आरोप है कि इससे पहले भी एमएस उनके साथ दुर्व्यवहार करते रहे हैं।