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यूपी: वाराणसी नगर से व्यवसायिक पशुपालन को विस्थापित करने के लिए होगी सख्ती।
वाराणसी। नगर को व्यवसायिक पशुपालन से मुक्त करने के लिए नगर निगम सख्ती करने जा रहा है। चोलापुर में स्थापित कैटल कालोनी में पशुपालकों को विस्थापित करने के लिए नगर निगम प्रशासन ने शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। कोर्ट के आदेशानुसार रणनीति तैयार हो चुकी है। प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी।
वहीं इस मसले पर लखनऊ में मुख्य सचिव के साथ बैठक भी हुई है जिसमें नगर निगम प्रशासन ने कार्रवाई का ब्लू प्रिंट पेश कर दिया है। अब तक नोटिस के दायरे में आए पशुपालकों पर 20 हजार रुपये का जुर्माना प्रतिदिन के हिसाब से लगाया जाएगा। इसके अलावा संबंधित के खिलाफ एफआइआर की कार्यवाही भी की जाएगी। नगर निगम प्रशासन के अनुसार चरणबद्ध सख्ती होगी।
वहीं पहले हेरिटेज क्षेत्र को चुना गया है जिसमें गंगा किनारे के पशुपालकों को कार्रवाई की सूची में वरियता पर रखा गया है। इसके बाद गंगा घाट से एक किलोमीटर के दायरे पशुपालकों को टारगेट किया जाएगा। अब तक 50 से अधिक पशुपालकों को नोटिस दी जा चुकी है।
वहीं करीब 50 हजार रुपये जुर्माना वसूलने के साथ ही एफआइआर भी हुआ है। इसी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए सख्ती बढ़ाई जाएगी ताकि पशुपालक चोलापुर में स्थापित कैटल कालोनी की ओर रुख कर सकें। चोलापुर ब्लाक में दो स्थानों पर वाराणसी विकास प्राधिकरण ने कैटल कालोनी बसाई है।
वहीं जिसमें पशुपालन से संबंधित सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसका पंजीयन शुरू है। बहुत से पशुपालकों ने पंजीयन तो कराया है लेकिन कब्जेदारी व विस्थापन की ओर रुचि नहीं दिखाई है। बहुत से पशुपालकों ने प्लेट बुक करा लिया है लेकिन वहां जाकर कारोबार नहीं कर रहे हैं।
वहीं ऐसे आवंटियों को वीडीए की ओर से नोटिस भेजने की तैयारी हो रही है। उनको बकाया धनराशि जमा करने के लिए भी दबाव बनाया जाएगा। कैटल कालोनी में पशुपालन से जुड़ी सभी सुविधाओं को विकसित करने का दावा वीडीए की ओर से किया जा रहा है जबकि पधुपालक कहते हैं कि सुविधाओं के अभाव में वहां पशुपालन चुनौती से कम नहीं है। वहीं, शहर से दूर जाने पर उत्पादन लागत भी अधिक हो जा रही है। ऐसे में दोधियों को शहर तक आने व जाने के लिए वाहन की सुविधा प्रदान की जाए।