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यूपी: वाराणसी स्‍मार्ट सिटी में पैनी हो रही तीसरी नजर, वहीं शहर के चप्पे-चप्पे की रखेंगे खबर।

यूपी: वाराणसी स्‍मार्ट सिटी में पैनी हो रही तीसरी नजर, वहीं शहर के चप्पे-चप्पे की रखेंगे खबर।


वाराणसी। स्मार्ट सिटी में इंट्रीगेटेड सिक्योरिटी सिस्टम लागू करने की कवायद तेज हो गई है। जल्द ही पूरा शहर कैमरों की जद में होगा। सिस्टम प्रभावी होने के बाद अपराधिक घटनाओं में कमी आएगी, वहीं ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर भी कार्रवाई की जा सकेगी। शहर 720 स्थानों पर तीन हज़ार हाई रेजुलेशन कैमरा लगाए ज की योजना है। अब तक 280 कैमरे लग ला चुके हैं। इसके साथ ही सिगरा स्थित सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जुड़ी खाली जमीन पर अलग से विभाग के लिए भवन निर्माण भी तेज गति से जारी है।

वहीं यह प्रोजेक्ट 128 करोड़ रुपये का है। कई चरणों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। पहले फेज में गंगा किनारे बने 80 घाटों और वरुणा रिवर फ्रंट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। दूसरे चरण में वारदात के लिहाज से चिह्नित इलाकों में। योजना के तहत शहरवासियों के निजी कैमरे को भी सिस्टम से जोड़ा जाएगा। साथ ही हाई स्पीड इंटरनेट सेवा के लिए पूरे शहर में आप्टिकल फाइबर बिछाया जा रहा है।इंट्रीगेटेड सिक्योरिटी सिस्टम के तहत लगाए जाने वाले हाई रेजुलेशन कैमरों की क्वालिटी इतनी शार्प है कि रात को अंधेरे में भी स्पष्ट तस्वीरें कैद हो सकेंगी। 

वहीं दूसरी तरफ़ अपराधियों की लोकेशन के लिए फेस डिटेक्टर कैमरा सिस्टम काम करेगा। जिसके माध्यम से सिटी कमांड एंड कंट्रोल रूम में आसानी से उनकी पहचान हो सकेगी। स्मार्ट पुलिसिंग के लिए देश भर के अपराधियों का हुलिया और प्रोफाइल सिस्टम में फीड किया जा रहा है। अपराधी के सीसीटीवी कैमरे की जद में आते ही सिग्नल बीप से पुलिस सावधान हो जाएगी।

वहीं दूसरी तरफ़ कैमरों के लग जाने के साथ जल्द ही शहर में स्मार्ट पुलिसिंग की व्यवस्था शुरू हो जाएगी। इसके तहत केंद्र व राज्य सरकार के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राज्य में पुलिस को भी आधुनिक साधनों से लैस किया जा रहा है और जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।शहर के घनी आबादी वाले, भीड़ वाले स्थान, हाईवे व प्रवेश मार्ग पर हाई पावर कैमरे लगाए जा रहे हैं। 

वहीं सभी पुलिस अधिकारियों के स्मार्ट फोन में थर्ड आई साफ्टवेयर लगे होंगे। स्मार्ट सिटी कमांड कंट्रोल रूम और स्टेट कंट्रोल रूम से यह जुड़ जाएंगे। यातायात नियमों का उलंघन या अन्य अपराध कर भागे लोगों की पहचान हो सकेगी। अफवाह और झूठी सूचनाओं की त्वरित तस्दीक होगी। घटनास्थल पर पुलिस की तुरंत पहुंच होगी।