Headlines
Loading...
यूपी: वाराणसी खिड़किया घाट पर पर्यटन हब केंद्र को हवाई मार्ग से जुड़ने के बाद होगा लोकार्पण।

यूपी: वाराणसी खिड़किया घाट पर पर्यटन हब केंद्र को हवाई मार्ग से जुड़ने के बाद होगा लोकार्पण।

                                   S.K. Gupta Reporter

वाराणसी। शहर के उत्तरी छोर पर स्थित खिड़कियाघाट के पुनरुद्धार की तिथि बढ़ा दी गई है। अब मार्च तक हर हाल में हेलीपैड समेत समस्त कार्य पूरे कर लेने हैं। इसके लिए स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों को निर्देशित कर दिया गया है। चेताया गया है कि इस मियाद के अंदर प्रस्तावित कोई भी निर्माण शेष नहीं रहे। इसे देखते हुए कार्य को गति देने के लिए रविवार को घाट के एक हिस्से को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया। यहां हेलीपैड व शिल्प बाजार निर्माण को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

वहीं शहर के उत्तरी छोर पर स्थित खिड़किया घाट धर्म-कला व संस्कृति का संगम होगा। यहां एक ओर गंगा की धारा तो दूसरी ओर गोवर्धनधारी का मंदिर है। पिछले हिस्से में वह स्थान है जहां बनारस की प्राचीनता का आकलन करने के लिए पुरातात्विक खोदाई की गई थी। पुरा स्थल लाल खां का रौजा और राजघाट पुल इससे लगा हुआ है। 

वहीं दूसरी तरफ़ वर्षों से उपेक्षित रहे इस घाट की महत्ता को देखते हुए इसे विकसित करते हुए देश-विदेश से आए पर्यटकों के लिए अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। योग-ध्यान के लिए स्थान बनाया जा रहा तो बनारसी शिल्प बाजार सजाया जा रहा। ओपेन थिएटर बन कर तैयार है जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

वहीं काशी स्टेशन और जीटी रोड से जुड़े गंगा के घाट पर बेहतर सुविधाएं विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग, नगर निगम समेत अन्य कई विभागों ने बुनियादी सुविधाओं के साथ वहां लक्जरी सुविधाओं के विकास का खाका तैयार किया है। यहां बहुउद्देशीय प्लेटफार्म बन रहा है। यह प्लेटफार्म पर बच्चों, बुर्जुगों व दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा का विकास किया जा रहा है ताकि उन्हें घाट से गंगा के जल तक पहुंचने में आसानी हो। 

वहीं दूसरी तरफ़ यहां पर्यटकों को गंगा स्रान की बेहतरीन सुविधा के साथ ही श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन व वाटर स्पोर्ट्स का मजा लेने के लिए टिकट बुकिंग व नाव तथा बजड़े की सुविधा मिलेगी। मार्निंग वाक, व्यायाम के अलावा यहां लाइब्रेरी की भी सुविधा होगी। इतना ही नहीं फूड प्लाजा, आरओ प्लांट के साथ ही शिल्प से जुड़े कारीगरों को स्थान दिया जाएगा जहां बनारस से जुड़े लकड़ी के खिलौने आदि मिलेंगे।