UP news
यूपी: उन्नाव दुष्कर्म कांड पीड़िता ने जताया सभी दलों को आभार, बोली- कुलदीप सिंह सेंगर के परिवार को टिकट न देकर किया सम्मान। UP: Unnao rape case victim expressed her gratitude to all the parties, said - Kuldeep Singh Sengar's family was respected by not giving tickets.
उन्नाव। दुष्कर्म कांड की पीड़िता ने वीडियो जारी कर उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती को धन्यवाद दिया है। पीड़िता ने कहा है कि 'आपने यूपी चुनाव में कुलदीप सिंह सेंगर के परिवार को टिकट न देकर मेरे परिवार का सम्मान किया है। इसलिए मैं आप सभी का धन्यवाद ज्ञापित करती हूं। पीड़िता ने कहा है कि मेरे परिवार और मेरे साथ हुई घटना में आप लोगों ने सहयोग किया। आप लोगों ने एक महिला की परेशानी को देखा और समझा।
वहीं कांग्रेस ने उन्नाव सदर विधानसभा सीट से पीड़िता की मां को प्रत्याशी बनाया है। वहीं भाजपा ने विधायक पंकज गुप्ता को टिकट दिया है। पीड़िता ने सपा और बसपा को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने सदर विधानसभा से कोई प्रत्याशी न खड़ा करके मेरा सर्मथन किया है। मेरी तरफ से और मेरे परिवार की तरफ से आप लोगों का ऋणी रहेंगे।
वहीं इससे पहले पीड़िता ने वीडियो जारी कर भाजपा पर निशाना साधा था। पीड़िता ने कहा था कि 'मेरी मां को कांग्रेस ने चुनाव के लिए उन्नाव सदर से प्रत्याशी बनाया है। यह बात भाजपा को अच्छी नहीं लगी। इस वजह से गलत तरीके से वीडियो वायरल किए जा रहे हैं, जिसका कोई अर्थ नहीं है।'
वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर उन्नाव दुष्कर्म कांड की पीड़िता द्वारा आत्महत्या का प्रयास करने के बाद यह मामला सुर्खियों में आया था। वर्ष 2019 में भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 2017 में 17 वर्षीय लड़की के दुष्कर्म के लिए दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
वहीं कुलदीप सेंगर के खिलाफ आरोप सामने आने के तुरंत बाद दुष्कर्म पीड़िता के पिता को आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था। कथित प्रताड़ना के कारण पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई। मार्च 2020 में पीड़िता के पिता की मौत के मामले में कुलदीप सेंगर को 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
वहीं दूसरी तरफ़ कांग्रेस ने उन्नाव सदर विधानसभा सीट से पीड़िता की 55 वर्षीय मां को टिकट दिया है। वह ठाकुर समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। उसके एक बेटा और चार बेटियां हैं। आशा साक्षर नहीं हैं। उनकी एक बेटी मास्टर डिग्री कर रही है। पति की मौत के बाद से वह मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर रही हैं।
वहीं दुष्कर्म कांड के बाद उन्हें करीब ढाई करोड़ रुपये की आर्थिक मदद और दिल्ली में एक फ्लैट दिया गया। अदालती मुकदमों के चलते अब परिवार ज्यादातर दिल्ली में रहता है। हालांकि, वे उन्नाव के संपर्क में हैं और समय-समय पर अपने मूल स्थान का दौरा करते हैं। मां का कहना है कि चुनाव में चुने जाते हैं तो वह उन्नाव में गरीबों के लिए काम करेंगी।