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यूपी: मऊ मोहम्मदाबाद गोहाना विकास खंड के पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड की जांच करेगी यूपी एसटीएएफ।
मऊ। मोहम्मदाबाद गोहाना विकास खंड के पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड के मामले में एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को विवेचना एसटीएफ को स्थानांतरित कर दी है। इससे एक बार फिर यह हत्याकांड सुर्खियों में आ गया है।
वहीं हाल ही में पूर्व सांसद धनंजय सिंह को लेकर एक वीडियो ट्वीट किया गया था। इसमें वह एक क्रिकेट मैच के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। डीजीपी मुकुल गोयल ने इसकी जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद विवेचना एसटीएफ को स्थानांतरित की गई है। पिछले साल अगस्त में हत्याकांड की विवेचना विभूतिखंड थाने से गाजीपुर पुलिस को दी गई थी।
वहीं पूर्व ज्येष्ठ उप प्रमुख अजीत सिंह जिले का हिस्ट्रीशीटर था। जिला बदर होने के बाद गोमतीनगर विस्तार इलाके के एक अपार्टमेंट में ठिकाना बनाया था। पिछले वर्ष छह जनवरी को कठौता चौराहे पर एक शापिंग कांपलेक्स से निकलते वक्त गोलियों से भूनकर उसकी हत्या कर दी गई थी।
वहीं इस दौरान उसका करीबी मोहर सिंह भी घायल हुआ था। जवाबी फायरिंग में एक बदमाश को भी गोली लगी थी, जबकि राहगीर आकाश भी घायल हुआ था। मोहर ने तहरीर देकर आजमगढ़ जेल में बंद अखंड सिंह व ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह पर सुपारी देकर गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डाक्टर से हत्या कराने का आरोप लगाया था।
वहीं दूसरी तरफ़ गिरधारी पर शूटरों का इंतजाम करने का आरोप था। पुलिस ने पहली गिरफ्तारी अंबेडकरनगर के संदीप सिंह बाबा की की थी। संदीप ने ही पूरे हत्याकांड से परदा हटाया था। इसके बाद पुलिस ने अंकुर सिंह, मुस्तफा, प्रिंस, बंधन, राजेश तोमर और रेहान को गिरफ्तार किया था। हत्याकांड के मुख्य शूटर गिरधारी को दिल्ली की क्राइम ब्रांच की टीम ने 11 जनवरी को दबोचा था।
वहीं दूसरी तरफ़ उसके पास अवैध पिस्तौल बरामद किया था। विभूतिखंड पुलिस उसे वारंट बी पर लखनऊ लाई और कस्टडी रिमांड ली। दूसरे दिन 14 फरवरी की रात को हत्या में इस्तेमाल असलहा बरामद कराने के दौरान गिरधारी ने पुलिस पर हमला कर भागने की कोशिश की। जवाबी फायरिंग में गिरधारी ढेर हो गया। पुलिस इस मामले में जेल में बंद आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
वहीं दूसरी तरफ़ सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सामने आया कि हत्याकांड की साजिश जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने रची थी। इसके बाद पुलिस ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ 20 फरवरी को सीजेएम कोर्ट से वारंट जारी किया गया।
वहीं इसके बाद पूर्व सांसद ने छह मार्च को प्रयागराज के सिविल कोर्ट में चल रहे पुराने मामले की जमानत तुड़वाकर समर्पण कर दिया। कुछ दिन तक उसे नैनी जेल में रखा गया। इसके बाद फर्रुखाबाद भेज दिया गया था, जहां अप्रैल में जमानत मिल गई। इसके बाद से पूर्व सांसद फरार है।