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यूपी: वाराणसी बीएचयू नर्सिंग स्टाफ ने निकाला कैंडिल मार्च, देश के कई नर्सिंग संघटनों ने आंदोलन का किया समर्थन।
वाराणसी। बीएचयू स्थित सरसुन्दर लाल चिकित्सालय के चिक्तिसा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता को हटाने की मांग के समर्थन में धरनारत नर्सिंग स्टाफ ने शाम को कैंडिल मार्च निकाला। मार्च धरना स्थल से शुरू होकर मालवीय भवन , महिला महाविद्यालय चौराहा होते लंका स्थित मालवीय जी की प्रतिमा तक गया।
वहां पहुंचकर सभी ने प्रतिमा की परिक्रमा की और उसके चारों ओर मोमबत्तियां जलाईं। पुनः सभी धरना स्थल पर लौट आये। मार्च में शामिल नर्सिंग स्टाफ अपने हाथों पर एमएस के इस्तीफे की मांग सम्बन्धी संदेश लिखी तख्तियां लेकर चल रहे थे। सभी अपनी यूनिफार्म में थे। उन्होंने चेहरे पर विरोध स्वरूप काले रंग का मास्क लगा रखा था। वे मौन और शांतिपूर्वक चल रहे थे।
वहीं धरनारत नर्सिंग स्टाफ सदस्यों के अनुसार एमएस के खिलाफ चलाये गए आंदोलन का समर्थन देशभर के नर्सिंग स्टाफ ने किया है । उनके अनुसार आल इंडिया नर्सिंग संघटन, एम्स दिल्ली नर्सिंग संगठन समेत लगभग 40 संघटनों ने आंदोलन का समर्थन किया है। उन संघटनों ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं होती तो वे इसके समर्थन में अपने संस्थानों में काली पट्टी बांधकर समर्थन देंगे।
वहीं नर्सिंग स्टाफ बीएचयू का आंदोलन चौथे दिन लगातार मंगलवार को भी जारी रहा। नर्सिंग स्टाफ का कहना है जबतक एमएस प्रो. के के गुप्त इस्तीफा नहीं देते वे धरना समाप्त नहीं करेंगे। जबकि दूसरी तरफ बीएचयू प्रशासन की तरफ से चौथे दिन कोई वार्ता के लिए धरना स्थल पर नहीं पहुंचा। प्रशासन की उपेक्षा से नर्सिंग स्टाफ में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने मांग की है कि जल्द ही एमएस गुप्ता को हटाया जाय।
वहीं दूसरी तरफ़ धरनारत नर्सिंग स्टाफ ने विश्व विद्यालय प्रशासन की उपेक्षा से आक्रोशित होकर पीएम मोदी के संसदीय कार्यालय, मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, शिक्षा मंत्री को जिलाधिकारी को मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। धरनारत कर्मियों ने पत्र में कहा है कि विश्व विद्यालय प्रशासन इस मामले में कोई सुनवाई नहीं कर रहा। विश्वविद्यालय की तरफ से कमेटी गठित करने का झूठा आश्वासन दिया गया।
बता दें कि वहीं धरनारत कर्मियों को इस कमेटी की कोई लिखित सूचना नहीं दी गयी है और न ही नाम प्रकाशित किया है। वहीं धरनारत कर्मियों ने बताया कि धरना के बाबजूद कोविड, इमरजेंसी कार्डियो, इमरजेंसी ओटी, एनआईसीयू, सीसीयू एसीयू, को बंद नहीं किया गया है। कर्मी वहां सेवा दे रहे है। कर्मियों ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं होंगी तो इनकी सेवाएं भी ठप कर दी जाएंगी।